नई दिल्लीः MP New CM Face: छत्तीसगढ़ के बाद आज मध्य प्रदेश का नया सीएम मिल सकता है. आज मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नवनिर्वाचित विधायक विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक करेंगे. भाजपा ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीट जीतकर मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीट के साथ दूसरे स्थान पर रही.


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आज शाम तक हो सकता है ऐलान
भाजपा ने चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर किसी को पेश नहीं किया था और एक तरह से पूरा प्रचार अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर टिका था. एक विधायक ने कहा कि बैठक सोमवार शाम चार बजे शुरू होने की उम्मीद है और शाम सात बजे तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है. 


केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सुबह 11 बजे तक पहुंचने की उम्मीद है. केंद्रीय पर्यवेक्षकों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा शामिल हैं. 


शाम 4 बजे से शुरू होगी बैठक
विधायक ने कहा, 'हमें दोपहर एक बजे दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया गया है. बैठक शाम चार बजे शुरू होगी.' वर्ष 2004 के बाद से यह तीसरी बार है, जब भाजपा ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं. अगस्त 2004 में जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था. 


इस बार नहीं घोषित किया गया था सीएम का चेहरा 
नवंबर 2005 में जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया तो विधायकों को नया मुख्यमंत्री चुनने में मदद करने के लिए राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था. उस वक्त शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था. इस बार भाजपा ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा. 


शिवराज सिंह चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 


ये नेता हैं सीएम पद के दावेदार
चौहान की तरह ओबीसी समुदाय के प्रह्लाद पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिमनी के नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र तोमर, इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय, राज्य इकाई के प्रमुख वी डी शर्मा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. 


ओबीसी चेहरे को दी जाती रही है तरजीह
वर्ष 2003 के बाद से मध्य प्रदेश में भाजपा के सभी तीन मुख्यमंत्री, यानी उमा भारती, बाबूलाल गौर और चौहान, अन्य पिछड़ा वर्ग से रहे हैं. मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी करीब 48 फीसदी है. पटेल, तोमर, विजयवर्गीय, शर्मा और सिंधिया पहले ही नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से भी मुलाकात की.


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