नई दिल्ली: अखिलेश यादव की पार्टी सपा में अंदरखाने अचानक जैसा बवाल मचता दिख रहा है, उसे देख बयासी की उमर वाले मुलायम घुटने का दर्द भूलकर भागमभाग कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद नई सियासी गोटी सेट करने के इरादे से वो दिल्ली पहुंचे ही थे कि घर के घमासान ने उन्हें हिला दिया. फिर तो दो दिन के अंदर ही वो दिल्ली से इटावा और फिर मैनपुरी से लखनऊ तक नाप गए.


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आजम खेमे ने भी मोर्चा खोला
मुलायम करते भी क्या? विधान परिषद चुनाव में बीजेपी ने बबुआ को खाता तक खोलने नहीं दिया. और उधर शिवपाल के बाद आजम खेमे ने भी मोर्चा खोल दिया. नतीजा, समाजवादी पार्टी से दनादन विकेट गिरने लगे हैं. अखिलेश पर सवाल उठाते हुए पिछले हफ्ते भर में छह से ज्यादा इस्तीफे हो चुके हैं. इस कतार में आजम समर्थक मुस्लिम नेताओं के बाद कुनबे के कई यदुवंशी सांसद-विधायक भी लगते दिख रहे हैं.


नेता लगे हैं जाने वाली लाइन में
शिवपाल की तरह राज्यसभा के समाजवादी सांसद सुखराम यादव भी सीएम योगी से मिल आए और हाथोंहाथ इशारा दे दिया कि 'लाल टोपी' छोड़कर अब वो भी 'भगवा' लपेटेंगे. कुनबे में कलह और पार्टी से खिसकती पलटन को देखकर भी अखिलेश बेफिक्र हैं, यही बात मुलायम की चिंता बढ़ा रही है.


लेकिन अखिलेश उनकी सलाह पर अब भी चलने को तैयार नहीं दिख रहे. जेल में बंद समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े चेहरे आजम खान पर मीडिया ने सवाल किया तो अखिलेश पिनक गए. उल्टे पूछ बैठे कि "ये बात अभी क्यों पूछ रहे हैं?"


भाजपा ले रही चुटकी
अखिलेश की भन्नाहट पर बीजेपी ने लगे हाथों चुटकी ले ली. बीजेपी प्रवक्ता अशोक पांडेय ने कहा -"अखिलेश यादव और आज़म खान में इस तरह की नूरा कुश्ती चलती रहती है और मुलायम सिंह के साथ भी प्यार और तकरार चलती रहती थी."


मुलायम भी आजम खेमे के निशाने पर
दरअसल आजम खेमा के निशाने पर सिर्फ अखिलेश नहीं हैं, वो मुलायम की फजीहत पर भी उतारू हैं.गिना रहे हैं कि मुलायम और अखिलेश आजम की वजह से ही सीएम बन पाए और अब अखिलेश आजम के साथ दूध में गिरी मक्खी जैसा सलूक कर रहे हैं.


यही बात अखिलेश और उनके करीबियों को भड़का रही है. आजम खान की अनदेखी के सवाल पर समाजवादी पार्टी के यूपी अध्यक्ष नरेश उत्तम भी बिफर गए. भन्नाए हुए कह बैठे- "आप तो खुश हैं न,आप खुश रहें,स्वस्थ रहें यही मेरी शुभकामना है."


आजम के मसले पर उठ रहे सवालों से अखिलेश अंदरखाने जले-भुने बैठे हैं. और उधर उनके जले पर नमक छिड़कने के लिये कुनबे में कतार अलग लग रही है.चाचा शिवपाल झोला-झंडा उठाए खड़े हैं.और बागी बहू अपर्णा भगवा गुणगान कर दिल जला रही है. अखिलेश ने ट्वीट कर भगवा पर हमला बोला. तो अपर्णा ने फौरन पलटवार किया.कहा- "भगवा अपराधी वाली मानसिकता को बदल देता है."


माहौल बिगड़ गया है सपा में
ऐसे बयानों ने समाजवादी पार्टी के एक और धड़े को सुलगा दिया है. गाजीपुर के पूर्व समाजवादी सांसद राधेमोहन सिंह ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि "चुनाव में मुझे हराने के लिये अखिलेश ने ओमप्रकाश राजभर को मेरे पीछे लगाया और माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार से नजदीकियां बढ़ा लीं. जाहिर है विधानसभा चुनाव में 111 सीटें जीतने के बाद अखिलेश पार्टी में जिस ऊर्जा की उम्मीद कर रहे थे, विधान परिषद चुनाव में खाता नहीं खुलने से पार्टी में अंदरखाने माहौल बिगड़ा है. फिलहाल तो दिख यही रहा है कि शिवपाल-आजम से अखिलेश की बढ़ती दूरी के कारण नई सपा से अंदरखाने बहुत से लोग खफा हैं. यही अंदेशा समाजवादी संरक्षक मुलायम सिंह यादव को बेचैन कर रहा है.

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