क्या है वो गेस्ट हाउस कांड, जिसे मायावती ने फिर याद कर सपा से बताया खतरा, कहा- हो सकती है अनहोनी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने गेस्ट हाउस कांड को याद करते हुए समाजवादी पार्टी पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने असुरक्षा का खतरा बताते हुए प्रदेश सरकार से पार्टी के प्रदेश कार्यालय को स्थानांतरित करने की अपील की है. उन्होंने किसी भी तरह की अनहोनी होने का भी खतरा जताया है.
नई दिल्लीः बसपा सुप्रीमो मायावती ने गेस्ट हाउस कांड को याद करते हुए समाजवादी पार्टी पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने असुरक्षा का खतरा बताते हुए प्रदेश सरकार से पार्टी के प्रदेश कार्यालय को स्थानांतरित करने की अपील की है. उन्होंने किसी भी तरह की अनहोनी होने का भी खतरा जताया है.
सपा को बताया जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी
मायावती ने सिलसिलेवार तरीके से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई पोस्ट करते हुए सपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने लिखा, 'सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है. हालांकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबंधन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई.'
अराजक तत्व पहुंचा सकते हैं हानिः मायावती
उन्होंने आगे लिखा, 'अब सपा मुखिया जिससे भी गठबंधन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है. वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं. जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट आफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं. इसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा.'
उन्होंने एक्स पर लिखा, 'इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुंचने पर वहां पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है.'
कार्यालय शिफ्ट करने का अनुरोध किया
उन्होंने आशंका जताते हुए लिखा, 'ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. साथ ही दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख्ती से निपटे, पार्टी की यह भी मांग है.'
अखिलेश ने मायावती पर कसा था तंज
दरअसल कल बलिया में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से इंडिया गठबंधन में मायावती को शामिल करने को लेकर सवाल पूछा गया था. इस पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा था, उसके बाद का (लोकसभा चुनाव) का भरोसा आप दिलाओगे. बात भरोसे की है. अगर वह आती हैं तो आप में से कौन भरोसा दिलाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इंडिया गठबंधन की बैठक में अखिलेश यादव बसपा को शामिल करने पर असहमति जता चुके हैं.
क्या है गेस्ट हाउस कांड
बता दें कि मायावती ने अपनी पोस्ट में 2 जून 1995 का जिक्र किया है. इस दिन गेस्ट हाउस कांड हुआ था. दरअसल 1993 में यूपी में सपा-बसपा ने गठबंधन किया था. जीत के बाद गठबंधन सरकार में मुलायम सिंह सीएम बने लेकिन मनमुटाव के बाद बसपा ने समर्थन वापस ले लिया. कहा जाता है कि सरकार खतरे में आने के बाद सपा समर्थकों ने लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित गेस्ट हाउस में मायावती के कमरा नंबर 1 पर हमला कर दिया. हालांकि किसी तरह मायावती को बचाया गया. इसके बाद मायावती ने इस हमले का आरोप मुलायम सिंह यादव पर लगाया था.
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