नई दिल्ली. तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के बाद मंगलवार को मोदी सरकार ने पहला बजट पेश कर दिया. 2014 के बाद इस बार के लोकसभा चुनाव में पहली बार हुई जब नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी बहुमत के लिए जरूरी 272 का जादुई आंकड़ा छूने से पीछे छूट गई. हालांकि चुनावपूर्व बने गठबंधन में एनडीए को 292 सीटें मिलीं. इसमें बीजेपी को छोड़कर आंध्र प्रदेश की टीडीपी और बिहार की जेडीयू का बड़ा अंश है. यानी इस बार की केंद्र सरकार में इन दोनों दलों की बेहद अहम भूमिका है. और पहले ही बजट में केंद्र सरकार की तरफ से दोनों ही राज्यों को खुलकर सहयोग भी दिया गया है. 


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जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार को अलग-अलग विकास योजनाओं के लिए 41 हजार करोड़ का आवंटन किया है वहीं आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ का आवंटन किया गया है. इस बजट आवंटन के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है-केंद्र सरकार से विशेष मदद मिलनी शुरू हो गई है. अब राज्य का और तेजी से विकास होगा. विशेष राज्य के दर्जा को लेकर हम लोग पहले से ही आंदोलन कर रहे हैं. पहले ही हम लोग कह दिए थे कि अगर विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है तो विशेष मदद की जाए. बिहार में सब कुछ किया जा रहा है. आज केंद्रीय बजट में कई चीजों में मदद की घोषणा की गई है. हम लोग काम कर रहे हैं, उसमें केंद्र से और अतिरिक्त मदद मिलेगी तो विकास को और गति मिलेगी. 


नीतीश कुमार ने किया स्वागत
नीतीश ने X पर लिखा-बजट में बिहार को बाढ़ से बचाव के लिए भी बड़ा ऐलान किया गया है. कोशी-मेची नदी जोड़ परियोजना, नदी प्रदूषण न्यूनीकरण और सिंचाई परियोजनाओं के लिए विशेष आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है, जो स्वागत योग्य है. बजट में बिहार के लिए विशेष प्रावधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विशेष धन्यवाद. बजट में बिहार के लिए की गई इन घोषणाओं से बिहार के विकास में सहयोग मिलेगा. आशा है कि आगे भी अन्य आवश्यकताओं के लिए केंद्र सरकार इसी तरह बिहार के विकास में सहयोग करेगी.


चंद्रबाबू ने भी की तारीफ
वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने भी केंद्र का धन्यवाद दिया है. बजट में राजधानी शहर, पोलावरम परियोजना, औद्योगिक स्वीकृतियों और पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करके राज्य की जरूरतों को पहचानने के लिए चंद्रबाबू ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया. दरअसल बजट में आंध्र प्रदेश की राजधानी के विशेष वित्तीय सहयोग, पोलावरम परियोजना के प्रति ‘पूर्ण प्रतिबद्धता’ और बुनियादी ढांचे तथा पिछड़े इलाकों के लिए निधि के तौर पर 15,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने का वादा किया है.


बीजेपी ने दोस्तों को और मजबूती से जोड़ा
दोनों ही नेताओं की प्रतिक्रियाओं को देखें तो लगता है कि बीजेपी ने बजट के साथ ही अपने 'दोस्तों' को और मजबूती से अपने साथ जोड़ लिया है. जहां विपक्ष द्वारा यह दावे किए जा रहे थे कि अगस्त में केंद्र सरकार गिर जाएगी तो वहीं जुलाई के बजट में बीजेपी ने अपने दोनों प्रमुख सहयोगियों के राज्यों के अहमियत दी है. 


किसानों पर स्पेशल फोकस
सरकार ने इस बजट में अनाज की अधिक उत्पादकता व प्राकृतिक खेती को प्राथमिकता दी है. जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से कृषि क्षेत्र में होने वाले परिवर्तन के लिए अनुसंधान व शोध के लिए सरकार ने बजट में प्रावधान किया है. साथ ही जलवायु के अनुसार कृषि क्षेत्र के लिए 32 और बागवानी फसलों की अधिक उपज देने वाली नई 109 किस्में किसानों को देने की बात कही है.


प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक करोड़ किसानों को प्रमाणीकरण व ब्रांडिंग में मदद कर प्रोत्साहन देने की बात बजट में की गई है. जिसके लिए उन्होंने बजट में दस हजार जैव इनपुट संसाधन केंद्र खोलने का प्रावधान किया है. सब्जी उत्पादक किसानों के लिए क्लस्टर बनाकर तथा दलहन व तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उसके उत्पादन, भंडारण व विपणन में विशेष अभियान के तहत रणनीति बनाने के प्रावधान बजट में शामिल किए गए हैं. इससे लघु व सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा.


5 राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड बनाने, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से देश के 400 जिलों में खरीफ फसलों का सर्वेक्षण किया जाएगा. बजट में सरकार ने कृषि क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के विकास व जनजातीय उन्नयन ग्राम योजना की घोषणा की है. जिससे सुदूर क्षेत्रों में निवासरत बड़ी संख्या में आदिवासी परिवारों को लाभ मिलेगा.


दरअसल पिछली सरकार में नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार को काफी विरोध और आंदोलन का सामना करना पड़ा था जिसके बाद नए कानूनों को सरकार ने वापस भी लिया था. हालांकि कई किसान नेता अब भी लिखित एमएसपी कानून की बात कर रहे हैं. लेकिन इस बजट में सरकार में सरकार का किसानों पर फोकस यह दिखा रहा है कि वह इस समुदाय पर अपना विशेष ध्यान दे रही है.


मध्यम वर्ग को राहत
साथ ही सरकार में टैक्स स्लैब और स्टैंडर्ड डिडक्शन में राहत के जरिए मध्य वर्ग को राहत देने की कोशिश की है. बजट में आम आदमी को बड़ी राहत दी गई. सरकार ने नई टैक्स रिजीम में पर्सनल इनकम टैक्स की दरों में कटौती की है. अब, नई टैक्स रिजीम के तहत 0 से 3 लाख रुपए तक की आय पर शून्य टैक्स लगेगा. 3 से 7 लाख रुपए तक की आय पर 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख रुपए तक की आय पर 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख रुपए तक की आय पर 15 प्रतिशत , 12 से 15 लाख रुपए तक की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा. टैक्स में हुए इस बदलाव के बाद नौकरीपेशा लोग आसानी से 17,500 रुपये की टैक्स की बचत कर पाएंगे.


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