Transporters Nation-wide Strike: ट्रक, टैक्सी और बस ऑपरेटरों ने भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन मामलों के लिए 7 लाख जुर्माना और 10 साल की जेल की सजा के नए प्रावधान का विरोध करते हुए देशव्यापी हड़ताल करने का फैसला लिया है और केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है. ड्राइवरों का कहना है कि ये कानून उनका उत्पीड़न करने के लिए है.


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सोमवार से शुरू हुई तीन दिवसीय हड़ताल से आने वाले दिनों में ईंधन स्टेशनों पर पेट्रोल और डीजल की सप्लाई व फल और सब्जी की आपूर्ति पर भी असर पड़ने की संभावना है. वहीं, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी नए कानून के प्रावधानों के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया था. इसकी रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को बैठक बुलाई है.


पेट्रोल पंप सूखे, स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चालू
हड़ताल के कारण इंदौरवासियों ने नए साल का दिन ईंधन पंपों पर कतारों में बिताया. ऐसा और भी इलाकों में देखा गया हो सकता है. इंदौर में, कई स्कूलों ने मंगलवार को बंद रहने का फैसला किया है, जबकि कुछ ऑनलाइन चलाए जाएंगे.


वहीं, मंगलवार सुबह की शुरुआत हड़ताल और ईंधन की कमी को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज से हुई. इससे लोगों में टंकी भरवाने की होड़ भी मच गई.


इंदौर पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजिंदर सिंह वासु ने कहा कि अधिक बिक्री के कारण शहर के 30% पेट्रोल पंप दोपहर तक खाली हो गए.


सब्जियां होंगी महंगी!
ट्रकों की हड़ताल के कारण पेट्रोल के साथ-साथ सब्जी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है. बताया जा रहा है कि अगर ट्रांसपोर्टरों का विरोध जारी रहा तो मंगलवार को स्थिति और खराब हो सकती है. भोपाल में हड़ताल के कारण सोमवार को सप्लाई बंद हो गई है. ऐसा और भी जगह संभव है. इस हिसाब से फल व सब्जियों के दाम भी बढ़ सकते हैं.


कैसा रहा रिस्पॉन्स
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और बिहार में स्थानीय परिवहन संघों के अनुसार, कानून के विरोध में सोमवार को निजी बसें, ट्रक, तेल टैंकर और टैक्सियां सड़क से नदारद रहीं. अधिकांश राज्यों में हड़ताल का असर कम रहा और पंजाब, मध्य प्रदेश के इंदौर, गुजरात के सूरत और हरियाणा के अंबाला में विभिन्न स्थानों से ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन की ज्यादा खबरें आईं. 


क्या है ये नया कानून
ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (IPC) के पहले कानून को निरस्त करते हुए लाए गए नए आपराधिक संहिता कानून के मुताबिक, दुर्घटना स्थल से भागने और घटना की रिपोर्ट न करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. यानी अगर कोई एक्सीडेंट होता है तो ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.


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