नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के तीसरे चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' के लिए चंद्रमा के देवता चंद्रन के आशीर्वाद के लिए तमिलनाडु में कुंभकोणम के पास थिंगलूर में चंद्रनार मंदिर में एक विशेष पूजा का आयोजन किया गया है. चंद्रनार मंदिर नवग्रह मंदिरों में से एक है. भक्त इन मंदिरों में नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए प्रार्थना करते हैं. जबकि मंदिर में इष्टदेव सोम (चंद्रमा) हैं, मुख्य देवता भगवान शिव हैं.


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जानिए क्या है शेड्यूल
डेसिया थिरुकोविलगल कूट्टामैप्पु (नेशनल फेडरेशन फॉर टेंपल्स) के उप महासचिव डी. गोविंदराजू ने आईएएनएस को बताया, ''शुक्रवार की सुबह 8-10 बजे के बीच एक यज्ञ और चंद्रमा भगवान के लिए 'अभिषेकम' का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद 100 लोगों को फ्री भोजन कराया जाएगा.''भारतीय रॉकेट एलवीएम3 शुक्रवार को दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को लेकर उड़ान भरेगा. अंतरिक्ष यान में एक लैंडर और एक रोवर होता है. इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराना और रोवर को चंद्रमा की मिट्टी पर कुछ प्रयोग करना है.


तीसरी बार होगी यहां पूजा
यह तीसरी बार है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रमा मिशन की सफलता के लिए विशेष प्रार्थना का आयोजन किया जा रहा है. श्री कैलासनाथर मंदिर या चंद्रनार मंदिर के सेवानिवृत्त प्रबंधक वी. कन्नन ने आईएएनएस को बताया, ''साल 2008 में रॉकेट के उड़ान भरने से पहले चंद्रयान-1 की सफलता के लिए एक विशेष पूजा का भी आयोजन किया गया था.''


दिलचस्प बात यह है कि दूसरे चंद्र मिशन- चंद्रयान-2- से पहले विशेष प्रार्थना नहीं कई गई थी. 15 जुलाई 2019 को होने वाला लॉन्च तकनीकी खराबी के कारण स्थगित हो गया था. कन्नन के अनुसार, यह माना गया था कि यह खराबी चंद्र देव की पूजा न करने के कारण हो सकती है.


कन्नन के अनुसार, चंद्रनार मंदिर में प्रतिदिन लगभग 500 भक्त आते हैं और सोमवार को यह संख्या 5,000 तक हो जाती है. नौ नवग्रह मंदिर- सूर्यनार (सूर्य), चंद्रनगर (चंद्रमा), अंगारकन (मंगल), बुधन (बुध), गुरु (बृहस्पति), शुक्र (शुक्र), शनि (शनि), राहु और केतु हैं.


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