चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की अंतिम कक्षा में किया प्रवेश, 17 को अलग होगा लैंडर मॉड्यूल
चंद्रयान-3 पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा की सतह के और भी करीब आ गया है. चंद्रयान-3 चंद्रमा की पांचवी और अंतिम कक्षा में प्रवेश कर गया. अब 17 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल अलग होगा.
बेंगलुरु: भारत का महत्वाकांक्षी चंद्रयान-3 एक पड़ाव और आगे बढ़ गया है. चंद्रयान-3 बुधवार को, चंद्रमा की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया. इस तरह चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह के और भी करीब आ गया है.
इसरो ने क्या कहा
इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा कि चंद्रयान-3 ने चांद तक पहुंचने की अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली है. यह प्रणोदन मॉड्यूल (Propulsion Module) और लैंडर मॉड्यूल (Lander Module) को अलग करने की तैयारी करेगा.
इसरो ने ट्वीट किया, ‘‘आज की सफल प्रक्रिया बेहद जरूरी थी. चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया. चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई. अब प्रणोदन और लैंडर को अलग होने के लिए तैयार हैं.’’ 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रणोदन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की योजना है.
महत्वपूर्ण तारीख
-14 जुलाई को प्रक्षेपण हुआ था चंद्रयान-3 का
-पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया
-छह, नौ और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया
क्या है मिशन
चंद्रयान-3 को चंद्रमा के ध्रुवों पर स्थापित करने का अभियान आगे बढ़ रहा है. इसरो चंद्रयान को चांद की कक्षा में पहुंचाने का प्रयास कर रहा है. चंद्रमा से यान की दूरी धीरे-धीरे कम होती जा रही है. चंद्रयान-3 के इस महीने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है.
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