बीजिंग. चीनी राष्ट्रपति की अमेरिका यात्रा को दुनिया के कई देश बेहद बारीक निगाहों से देख रहे हैं. दरअसल बीते कुछ वर्षों से चीन-अमेरिका के रिश्तों में जमी बर्फ के बीच इस यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग  14 नवंबर की शाम को एक विशेष विमान से  अमेरिका रवाना हुए. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर वे चीन-अमेरिका राष्ट्रपतियों की भेंट के लिए सैन फ्रांसिस्को जा रहे हैं. इसके साथ ही वे एपेक नेताओं की 30वीं अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लेंगे.


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कोविड-19 के वक्त बहुत बिगड़ गए संबंध
कोविड-19 महामारी के वक्त चीन और अमेरिका पहले से खराब चल रहे संबंध और बदतर हालात में पहुंच गए थे. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन पर हमलावर थे जिसका जवाब जिनपिंग प्रशासन की तरफ से लगातार दिया जा रहा था


साल भर के भीतर दूसरी बार मुलाकात
बाइडेन और जिनपिंग के बीच एक साल के भीतर दूसरी बार आमने-सामने की मुलाकात होगी.चीन ने कहा है कि शी और बाइडन चीन-अमेरिका के संबंधों को आकार देने में रणनीतिक और बुनियादी महत्व वाले मुद्दों पर तथा वैश्विक शांति एवं विकास से जुड़े प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे.


क्या बोला चीन
चीन ने कहा है-अमेरिका के साथ अपने संबंधों को चीन परस्पर सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और दोनों पक्षों के लिए संतोषप्रद सहयोग के तीन सिद्धांतों के अनुरूप देखता है.चीन प्रतिस्पर्धा से नहीं डरता, लेकिन हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि चीन-अमेरिका संबंध प्रतिस्पर्धा से परिभाषित होने चाहिए.चीन नहीं चाहता कि अमेरिका बदले और ना ही अमेरिका को चीन को बदलने का प्रयास करना चाहिए.


 


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