बीजिंग: चीन और भारत का द्विपक्षीय व्यापार साल की पहली छमाही में 57.48 अरब डॉलर रहा. यह सालाना आधार पर 62.7 प्रतिशत अधिक है. लद्दाख में जारी गतिरोध और कोविड-19 महामारी के बीच हाल के वर्षों में यह सर्वाधिक है. चीन के सीमा शुल्क विभाग के आंकड़े से यह जानकारी मिली. हालांकि चीन को भारत निर्यात सालाना आधार पर 69.6 प्रतिशत बढ़ा. लेकिन इसके बाद भी व्यापार घाटा उछलकर 55.6 प्रतिशत पर पहुंच गया.

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चीन से भारत में बढ़ा साठ प्रतिशत आयात
सीमा शुल्क विभाग के आंकड़े के अनुसार भारत का चीन को निर्यात साल की पहले छह महीने में 69.6 प्रतिशत बढ़कर 14.724 अरब डॉलर रहा. वहीं चीन से भारत का आयात 60.4 प्रतिशत बढ़कर 42.755 अरब डॉलर रहा. 
निर्यात में हुई


देशों के बीच व्यापार घाटा 28.03 अरब डॉलर का रहा
चीन का कुल व्यापार इस साल के पहले छह माह में 27.1 प्रतिशत बढ़कर 18,070 अरब युआन (करीब 2,790 अरब डॉलर) रहा. इसमें निर्यात 28.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि आयात में 25.9 प्रतिशत का उछाल आया. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 6 महीने में दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा 28.03 अरब डॉलर रहा जो सालाना आधार पर 55.6 प्रतिशत अधिक है. दोनों देशों के बीच पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के साथ व्यापार का यह आंकड़ा उल्लेखनीय है.


कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के परिणामस्वरूप भारत को चीन के निर्यात में बड़ी वृद्धि हुई है. इसमें विशेष रूप से ऑक्सीजन कांसन्ट्रेटर, वेंटिलेटर, चिकित्सा सामग्री और दवाओं के निर्यात का योगदान रहा. जबकि चीन को भारत ने खास कर लौह अयस्क, स्टील, एल्यूमीनियम और तांब का निर्यात किया.


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