चीनी वीजा `घोटाला`: कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ED की चार्जशीट पर कोर्ट का फैसला सुरक्षित
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक मामले में शोधित धन की वास्तविक मात्रा अभी तक की जांच के दौरान स्थापित नहीं की गई है. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में 50 लाख रुपये की रिश्वत राशि को वर्तमान मामले का आधार नहीं माना जा सकता है.
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को इस बात को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि क्या कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ दायर प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए. साथ ही कार्ति को कथित चीनी वीजा घोटाला से जुड़े धन शोधन के मामले में तलब किया जाए. मामले में जज ने ED की ओर से पेश वकील की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च का दिन तय किया है.
कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के बाद स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा-तलब करने के बिंदु पर आगे की दलीलें सुनी जा चुकी हैं. समन के किसी बिंदु पर विचार या स्पष्टीकरण, अगर कोई हो, के लिए मामले को अब 16 मार्च, 2024 को दोपहर दो बजे सूचीबद्ध करें. दरअसल ये चार्जशीट चिदंबरम, उनके तत्कालीन चार्टर्ड अकाउंटेंट एस. भास्कररमण और कुछ कंपनियों समेत 6 अन्य के खिलाफ दायर की गई थी.
कार्ति के अलावा आरोपियों में पदम दुगर, विकास मखरिया, मंसूर सिद्दीकी, दुगर हाउसिंग लिमिटेड, एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और तलवंडी साबो पावर लिमिटेड भी शामिल हैं. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने साल 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित कथित घोटाले में आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. उस वक्त कार्ति के पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे.
ईडी ने क्या कहा?
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक मामले में शोधित धन की वास्तविक मात्रा अभी तक की जांच के दौरान स्थापित नहीं की गई है. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में 50 लाख रुपये की रिश्वत राशि को वर्तमान मामले का आधार नहीं माना जा सकता है.
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