नई दिल्ली. देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भीम राव अंबेडकर का हवाला देकर कहा है कि भले ही संविधान खराब हो लेकिन इसे लागू करने वाले लोग अच्छ होंगे तो संविधान अच्छा साबित होगा. सीजेआई चंद्रचूड़ ने देश में गहराई तक जड़े जमा चुकी वर्ण व्यवस्था को खत्म करने में कारगर बताये जाने वाले आम्बेडकर के संविधानवाद के विचार की प्रशंसा की. 


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सीजेआई अमेरिका के मैसाचुसेट्स में वाल्थम स्थित ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी में आयोजित छठे अंतररराष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे. कार्यक्रम  ‘डॉ. बी आर आम्बेडकर की अधूरी विरासत' पर आधारित था. प्रधान न्यायाधीश को हार्वर्ड लॉ स्कूल के ‘सेंटर ऑन लीगल प्रोफेशन’ ने शनिवार को 'अवार्ड फॉर ग्लोबल लीडरशिप’ से शनिवार को सम्मानित किया. सीजेआई ने अंबेडकर के संविधानवाद के विचार को रेखांकित किया. बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली समिति के प्रमुख थे.


क्या बोले सीजेआई
अंबेडकर का हवाला देते हुए सीजेआई ने कहा कि भले ही संविधान अच्छा हो लेकिन इसे लागू करने वाले लोग खराब हैं तो ये निश्चित रूप से खराब साबित होगा. भले ही संविधान खराब हो, लेकिन इसे लागू करने वाले लोग अच्छे हैं तो संविधान अच्छा साबित होगा.


संविधानवाद के विचार पर बोले
कार्यक्रम में डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधानवाद के विचार ने गहरी जड़ें जमा चुकी वर्णक्रम व्यवस्था को खत्म करके भारतीय समाज को बदलने और हाशिए पर पड़े समूहों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है. अंबेडकर की विरासत आधुनिक भारत के संवैधानिक मूल्यों को आकार दे रही है, समाज सुधार और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में काम कर रही है.


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