लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बनारस में बन रहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का आज निरीक्षण करेंगे. इसके अलावा वो वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी करेंगे. प्रशासन के मुताबिक योगी आदित्यनाथ विश्वनाथ मंदिर में पूजन और दर्शन भी करेंगे. वह देर शाम अधिकारियों संग बनारस में हो रहे विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे. इसके बाद वह वह रात्रि में बाबा विश्ववनाथ का दर्शन करने जाएंगे.


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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 2021 तक बनकर होगा तैयार


बनारस के विश्वनाथ मंदिर से गंगा तट तक 400 मीटर क्षेत्र में करीब 50 हजार वर्ग मीटर में बनने वाले विश्वनाथ कॉरिडोर का 460 करोड़ रुपये का बजट शासन ने स्वीकृत कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक 2021 तक चुनार के गुलाबी पत्थर मकराना के सफेद मार्बल और वियतनाम के खास पत्थरों से बना यह विशेष रूप से ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर तैयार हो जाएगा. गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च को किया था जिसके तहत एक अध्यादेश के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर पर क्षेत्र को विशिष्ट क्षेत्र घोषित किया था और आसपास के भवनों को अधिग्रहित किया गया था.


आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण होगा कॉरिडोर



उल्लेखनीय है कि इस पूरे प्रोजेक्ट में 30 फीसदी क्षेत्र खुला और हरियाली वाला होगा जिसमें तरह-तरह के पेड़ पौधे और वातावरण को शुद्ध करने वाली व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा इस कॉरिडोर में कल्चरल सेंटर, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, सिटी म्यूजियम, विश्रमालय, वेदिक केंद्र, गौशाला, मोक्ष-भवन, दर्शन-आरती सुविधा केंद्र, प्रशासनिक भवन, पुजारी विश्राम कक्ष, म्यूजिक सिस्टम से शिव को समर्पित भजनों का प्रसारण करने की व्यवस्था आदि होंगे


मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन सिस्टम


उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में चल रहे तमाम प्रोजेक्ट्स पर नजर रखने के लिए और भ्रष्टाचार रोकने के लिए ऑनलाइन सिस्टम शुरू करने जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार एक पोर्टल बना रही है. इस पोर्टल के जरिए प्रदेश के हर जिले में चल रहे प्रोजेक्ट की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी. इससे कॉरिडोर के निर्माण कार्य पर पैनी नजर रखी जा सकेगी. 



250 सालों में पहली बार काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार


आपको बता दें कि पिछले ढाई सौ सालों में पहली बार है जब काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार होने जा रहा है. इससे पहले के लेखों के मुताबिक, इस मंदिर के जीर्णोद्धार का रिकॉर्ड कहीं नहीं मिलता है. इस मंदिर का निर्माण 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था और धीरे-धीरे इसके आसपास लोगों ने अपने आवास बना लिए. जिसकी वजह से यह मंदिर परिसर आसपास आवासीय भवनों से पूरी तरह से घिर गया था. लेकिन अब इस कॉरिडोर के बनने और सौंदर्यीकरण के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर का इलाका पूरी तरह से भव्य दिखने लगेगा.


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