नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार रात को महिला आरक्षण बिल पास कर दिया है. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को इस बिल को लोकसभा में पेश भी कर दिया. सरकार की तरफ से इसे ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है लेकिन कांग्रेस ने इसे सिर्फ 'चुनावी जुमला' करार दिया है. 


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लोकसभा में बिल पेश किए जाने के तुरंत बाद कांग्रेस ने कहा-'विधेयक सबसे बड़े चुनावी 'जुमलों' में से एक है. करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है.' कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट लिखा. उन्होंने कहा- चुनावी जुमलों के इस मौसम में, यह उन सभी जुमलों में सबसे बड़ा है. करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा.


क्या बोले जयराम रमेश
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा. उन्होंने तंज किया-जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं की है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना करने में विफल रहा है. अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद आयोजित होने वाली पहली दशकीय जनगणना के बाद ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। यह जनगणना कब होगी?'


आप नेता ने कहा- 'महिला बेवकूफ बनाओ' विधेयक
वहीं आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को महिलाओं की भलाई और कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘विधेयक के प्रावधानों को गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि यह ‘महिला बेवकूफ बनाओ’ विधेयक है।’ उन्होंने कहा- 'परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को क्यों शामिल किया गया है? इसका मतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा.'


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