नई दिल्ली: Ashok Gehlot and Bhupesh Baghel: राजस्थान और छत्तीसगढ़ की हार के बाद लोग कयास लगा रहे थे कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत और भूपेश बघेल की राजनीतिक पारी समाप्ति की ओर बढ़ रही है. लेकिन अब ये सारी अटकलें फेल हो गई हैं. कांग्रेस ने दोनों दिग्गज नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जु खरगे ने राष्ट्रीय गठबंधन समिति का गठन किया है, इसमें अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सलमान खुर्शीद, मुकुल वासनिक और मोहन प्रकाश को शामिल किया गया है. मुकुल वासनिक को इस कमेटी का संयोजक बनाया गया है. 


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गहलोत को जिम्मेदारी देने के क्या मायने?
अशोक गहलोत राजनीति के जादूगर माने जाते हैं. सियासी संकट के दौरान भी उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बचा ली थी. गहलोत की योजनाएं पूरे देश में लोकप्रिय हुईं. कर्नाटक और हिमाचल में कांग्रेस ने गहलोत की योजनाओं को मॉडल की तरह पेश किया था. दोनों प्रदेशों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. खास बात ये है कि बीच में गहलोत और राहुल के बीच खटपट की खबरें भी आई थीं. लेकिन अब गहलोत को अहम जिम्मेदारी मिलने का मतलब है कि कांग्रेस उन पर भरोसा जता रही है. उनके अनुभव का पार्टी लाभ उठाएगी. 


बघेल को जिम्मेदारी देने का क्या अर्थ?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल लो-प्रोफाइल नेता हैं, मीडिया में भले वो लाइमलाइट में नहीं रहते लेकिन राजनीति में उन्हें साइलेंट किलर के तौर पर जाना जाता है. बघेल का मैनेजमेन अच्छा रहा है. छत्तीसगढ़ में भले कांग्रेस हार गई हो लेकिन बघेल सरकार के खिलाफएंटी-इनकेंबेंसी देखने को नहीं मिली. अब पार्टी अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ भी बघेल के संबंध अच्छे हैं. यही कारण है कि उन्हें गठबंधन समिति का सदस्य बनाया गया है. 


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