नई दिल्ली: देश अभी कोरोना से उबरा नहीं है, कोरोना की दूसरी लहर की लड़ाई थमी नहीं है. तीसरी लहर अभी आया भी नहीं है लेकिन उसका खौफ पूरे देश में है. ऐसे विकट समय में विपक्ष की राजनीति लगातार हो रही है. ताजा मामला फिर से किसानों को जरिए राजनीति करने का है.


किसानों के भारत बंद को विपक्ष का समर्थन


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26 मई को किसान देशव्यापी आंदोलन करेंगे. कांग्रेस समेत 12 विपक्षी दलों ने समर्थन का ऐलान किया है. NCP,RJD,TMC और CPM ने समर्थन की बात कही है. साथ ही शिवसेना और समाजवादी पार्टी भी समर्थन देगी.


बीते 6 महीने से किसानों का आंदोलन जारी है. किसान अब भी कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. 2 दिन बाद किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने जा रहे है. कोरोना संकट के बीच किसान मोर्चा देश भर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है जिसका विपक्षी दलों ने समर्थन किया है.


विपक्ष ने लिखा है कि हम संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को देशव्यापी विरोध दिवस मनाने का समर्थन करते हैं, जो कि शांतिपूर्ण किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने के अवसर पर बुलाया गया है.


किसानों को 12 विपक्षी दलों का समर्थन


सोनिया गांधी
एचडी देवगौड़ा
शरद पवार
ममता बनर्जी
उद्धव ठाकरे
एमके स्टालिन
हेमंत सोरेन


इस बयान में उस पत्र का भी जिक्र है जो 12 मई को लिखा गया था. किसान संगठनों को दिए गए समर्थन पत्र में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने हस्ताक्षर किए हैं.


विपक्ष ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. साथ ही केंद्र को किसानों से फिर से बातचीत करने की अपील की है. लेकिन किसानों के समर्थन को लेकर कांग्रेस में कन्फ्यूजन है. एक तरफ सोनिया गांधी किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर रही हैं वहीं पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह किसान संगठनों को आंदोलन से हटने की अपील किया और किसानों को संक्रमण के सुपर-स्प्रेडर न बनने की सलाह दे रहे हैं.


किसानों पर कांग्रेस में बंटी राय


मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय किसान संघ से अपने प्रस्तावित धरने को आगे नहीं बढ़ाने की अपील की है. जो संक्रमण के सुपर-स्प्रेडर में बदल सकता है. उन्होंने किसानों के समूह से गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई न करने का आग्रह किया है.


उधर, किसान संगठनों ने देश भर के लोगों से 26 मई को घरों, गाड़ियों और दुकानों पर काले झंडे लगाने की अपील की है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या अभी जब बड़ी मुश्किल से देश में कोरोना के मामले थोड़े से घटने शुरू हुए है ऐसे में क्या ऐसे धरना-प्रदर्शन कोरोना को बढ़ाएगा नहीं और विपक्ष जानबूझकर देश के फिर से कोरोना के तीसरी लहर को ओर नहीं धकेल रहा है.


गाजीपुर बॉर्डर पर बन रहे पक्के घर


गाजीपुर बॉर्डर पर तैयार हुए घर जो बल्लियों से बनाए गए हैं, लोहे के गेट लगा लिए हैं और घर जैसा आंगन और रहने की व्यवस्था कर ली गई हैं. किसानो की माने तो थोड़े दिनो में पक्के घर भी नजर आएंगे और पक्की छत डालने का काम चल रहा हैं.


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बड़ा सवाल ये है कि एक तरफ किसानों को समर्थन देने वालों की दलों की लिस्ट में कांग्रेस और सोनिया गांधी का नाम शामिल है, वहीं अमरिंदर किसानों को सुपर स्प्रेडर होने का डर दिखा रहे हैं. तो किसानों को लेकर कांग्रेस में कन्फ्यूजन क्यों है? क्या सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस कुछ भी करेगी.


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