राहुल गांधी की `मंदिर राजनीति` से कांग्रेस को फायदा नहीं, पार्टी अब यूं करेगी `हिंदुत्व` का मुकाबला
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने चिंतन शिविर में सुझाव दिया कि पार्टी को धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए. कुछ नेता बोले, राहुल गांधी की मंदिरों की यात्रा से कोई खास परिणाम नहीं मिला है.
उदयपुर: कांग्रेस ने 'चिंतन शिविर' के दौरान भाजपा की हिंदुत्व राजनीति पर चर्चा की. सूत्रों ने कहा कि कई दिग्गजों ने अपने विचार रखे कि कांग्रेस को भाजपा का मुकाबला करने के लिए समावेशी एजेंडे को मजबूत करना चाहिए. वहीं भाजपा की पिच पर बल्लेबाजी करने की कोशिश करने से बचना चाहिए.
धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने का सुझाव
उत्तर प्रदेश के नेताओं ने सुझाव दिया कि पार्टी को धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए. कुछ नेता बोले, राहुल गांधी की मंदिरों की यात्रा से कोई खास परिणाम नहीं मिला है. ऐसे में अपनी मूल धर्मनिरपेक्ष विचारधारा से चिपके रहना ही बेहतर होगा. इससे पार्टी भाजपा का मुकाबला कर सकती है.
सीडब्ल्यूसी बताएगा कि क्या फैसला किया है
सभी के विचारों के बाद, सीडब्ल्यूसी बताएगा कि कांग्रेस ने आज शाम क्या फैसला किया है, लेकिन इसकी संभावना कम है कि सीडब्ल्यूसी ऐसे प्रस्तावों का समर्थन करेगी.
अयोध्या को अपने एजेंडे में शामिल करने की बात
अनौपचारिक वार्ता के दौरान महासचिवों में से एक ने खुलासा किया कि जब अयोध्या को अपने एजेंडे में शामिल करने की बात कही गई, तो किसी ने इसे ठुकरा दिया था.
सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कांग्रेस 'चिंतन शिविर' में अपने उद्घाटन भाषण में भाजपा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पार्टी लगातार 'ध्रुवीकरण का खेल खेल रही है और जनता में डर पैदा कर रही है.'
उन्होंने कहा, मोदी सरकार देश में ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति बनाए रखना चाहती है. लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर कर रही है. अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से निशाना बना रही है और उन पर अत्याचार भी कर रही है.
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