नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ जनांदोलन शुरू करेगी और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएगी. कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए.


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राहुल को जानबूझकर अयोग्य ठहरवाया गया?
बैठक के बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'राजनीतिक कदम क्या होना चाहिए, इस बारे में (बैठक में) बात हुई. हम यह मुद्दा देशभर में लेकर जायेंगे कि राहुल जी को जानबूझकर अयोग्य ठहरवाया गया है.'


उन्होंने कहा, 'जरा घटनाक्रम समझिये... सात फरवरी को राहुल जी का लोकसभा में भाषण होता है. मानहानि का मामला दायर करने वाले व्यक्ति ने अपनी शिकायत पर स्थगन की अर्जी गुजरात उच्च न्यायालय से 16 फरवरी को वापस ले ली.' उन्होंने कहा कि 27 फरवरी से सुनवाई शुरू होती है और 23 मार्च को फैसला आ आ जाता है.


जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर उठाया सवाल
रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री गतिशक्ति की बात करते हैं, यह तो अतिगतिशक्ति है.' उन्होंने कहा, 'हम इस मुद्दे को एक जनांदोलन के रूप में आगे ले जाएंगे.' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करने वाले विपक्षी दलों के रुख का स्वागत करती है और आगे उनसे संपर्क में भी रहेगी.


केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया. लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता से संबंधित आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा.


राहुल गांधी को क्या घोषित किया गया अयोग्य?
अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102(1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-आठ के तहत अयोग्य घोषित किया गया है.


उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी.


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