देश के कुछ राज्यों में कोरोना खत्म, कहीं खतरनाक स्तर तक पहुंचा संक्रमण
देश में कोरोना संकट का अजीब रूप सामने आ रहा है. जहां कुछ घनी आबादी वाले राज्यों में यह गंभीर होकर सामुदायिक संक्रमण की तरफ बढ़ रहा है. वहीं देश के कुछ राज्यों से कोरोना वायरस के तेजी से खत्म होने की खबर आ रही है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति देश में बहुत अजीब दिखाई दे रही है. एक तरफ देश के 14 राज्यों में कोरोना संकट सिमट रहा है. वहीं ठीक होने वाले मरीजों की तादाद नए संक्रमणों से बढ़ती जा रही है. वहीं देश के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस का संक्रमण तीसरे चरण यानी सामुदायिक प्रसार की तरफ बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है.
इन राज्यों में खत्म हो रहा है कोरोना
कोरोना वायरस से प्रभावित देश के कई बड़े राज्यों से खुशखबरी आ रही है. वहां कोरोना वायरस का प्रसार दम तोड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने कोरोना के खिलाफ जंग में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. यहां स्वस्थ होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है. यहां कोरोना के 7823 मरीज थे. जिसमें से 4709 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हं. जबकि 2901 लोगों का इलाज चल रहा है. ये आंकड़ा बेहद उत्साहवर्द्धक है.
पंजाब
पंजाब में कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बहुत बेहतर है. यहां 88 फीसदी कोरोना संक्रमित ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं. यहां 2263 मरीज थे. जिसमें से 1987 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं.
हरियाणा
जहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संकट गंभीर रुख ले चुका है. वहीं इससे सटे हरियाणा में कोरोना के आधे मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं. यहां कोरोना के 2071 मरीज थे. जिसमें से 1048 ठीक हो चुके हैं और 1023 लोगों का इलाज चल रहा है.
तमिलनाडु
कभी तमिलनाडु में कोरोना ने कहर मचा दिया था. यहां बड़ी तेजी से संक्रमण बढ़ रहा था. लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है. यहां 57 फीसदी कोरोना के मरीज ठीक हो चुके हैं. तमिलनाडु में कोरोना का संक्रमण 22333 लोगों में फैला था. जिसमें से 12757 लोग ठीक हो गए हैं और 9403 लोगों का इलाज चल रहा है.
मध्य प्रदेश
यहां भी कोरोना का संक्रमण बहुत ज्यादा हो चुका था. एमपी में कोरोना के 8089 मरीज थे. जिसमें से 59.85 फीसदी यानी 4842 लोग स्वस्थ हो गए हैं. जबकि 2897 लोगों का इलाज चल रहा है.
राजस्थान
कोरोना संकट के शुरुआती चरण में राजस्थान में मरीजों की संख्या बेहद तेजी से बढ़ी थी. यहां कोरोना के 8831 लोग संक्रमित हुए थे. राज्य के भीलवाड़ा और जयपुर जैसे इलाकों में कोरोना वायरस का संक्रमण हर रोज बढ़ता जा रहा था. लेकिन अब राजस्थान में हालात नियंत्रण में हैं. यहां 67 फीसदी कोरोना के मरीज ठीक हो गए हैं. मरु प्रदेश राजस्थान में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 5927 है. जबकि 2710 लोगों का इलाज चल रहा है.
गुजरात
राजस्थान के बगल में गुजरात में भी कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह हो गई थी. यहां कोरोना के 16779 मरीज थे. गुजरात देश में कोरोना के मरीजों की संख्या के मामले में चौथे नंबर पर आ गया था. लेकिन यहां 59.11 यानी लगभग 60 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं. गुजरात में 9919 कोरोना के मरीज ठीक हो चुके है. जबकि 5822 मरीजों का इलाज चल रहा है.
इसके अलावा तेलंगाना में 1428 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं और 1188 का इलाज चल रहा है. आंध्र प्रदेश में स्वस्थ होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 2349 है, जबकि यहां 1268 लोगों का उपचार चल रहा है. उधर चंढीगढ़ में 199 स्वस्थ हुए जबकि 90 लोगों का इलाज जारी है. गोवा में 199 स्वस्थ तथा 90 उपचाराधीन हैं. लद्दाख में 43 स्वस्थ एवं 31 लोगों का उपचार चल रहा है. ओडिशा में 1126 कोरोना मरीज स्वस्थ हो गए हैं जबकि 815 लोगों का उपचार जारी है. त्रिपुरा में स्वस्थ तथा उपचाराधीन लोगों की संख्या 173 एवं 140 है. उधर अंडमान निकोबार में सभी 33 कोरोना मरीज संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं.
देश के कुछ हिस्सों में हालात बेकाबू
जहां देश के उपरोक्त हिस्सों में कोरोना संक्रमण काबू में आता दिख रहा है. वहीं महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे बुरी तरह कोरोना से प्रभावित हुए राज्यों में कोरोना वायरस का संक्रमण सामुदायिक प्रसार(community transmission)की स्थिति में जाता हुए दिख रहा है. जो कि बेहद चिंताजनक है. इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने सरकार के लिए चेतावनी जारी की है.
सोमवार तक देश में कोरोना वायरस से 5,394 लोग मारे गए और संक्रमण के कुल मामले 1,90,535हो गए. इसमेंं से ज्यादातर दिल्ली और मुंबई के मामले हैं.
इन आंकड़ों को देखते हुए भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ(IPHA),इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन(IPASM) और भारतीय महामारीविद संघ (IAE)के एक्सपर्ट्स ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(PM Modi) को एक रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें स्पष्ट रुप से कहा गया है कि 'देश की घनी और मध्यम आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक प्रसार की पुष्टि हो चुकी है'
विशेषज्ञों के इस समूह का मानना है कि चौथे चरण के लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए दी गई छूटों के कारण कोरोना के सामुदायिक प्रसार का खतरा बढ़ गया है.
पीएम मोदी को रिपोर्ट सौंपने वाले 16 विशेषज्ञों के इस समूह में IAPSM के पूर्व अध्यक्ष और एम्स दिल्ली में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के प्रमुख डॉ शशि कांत, IPHA के राष्ट्रीय अध्यक्ष और CCM एम्स के प्रोफेसर डॉ संजय के. राय, BHU वाराणसी के पूर्व प्रोफेसर डॉ डीसीएस रेड्डी, PGIMER चंडीगढ़ के पूर्व प्रोफेसर Dr.राजेश कुमार जैसे नामचीन एक्सपर्ट शामिल हैं.