नई दिल्ली. देश में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के कुल 5676 नए मामले सामने आए हैं. इसी के साथ एक्टिव केस की कुल संख्या 37, 093 हो चुकी है. इससे पहले सोमवार को  कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच अस्पतालों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए देशभर में सार्वजनिक एवं निजी इकाइयों ‘मॉक-ड्रिल’ की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दिल्ली में राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में कोविड-19 संबंधी तैयारियों की समीक्षा के लिए वहां का दौरा किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मांडविया ने आरएमएल अस्पताल में विभागाध्यक्षों और कर्मचारियों से बातचीत की. उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों, सुरक्षा और स्वच्छता सेवाओं के प्रमुखों के साथ भी चर्चा की और उनके सुझाव सुने. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'देश भर में एक बड़ी प्रतिक्रिया देखी गई जहां मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने अस्पतालों तथा सुविधाओं की तैयारियों और क्षमताओं की समीक्षा की.'


राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का अनुरोध
सात अप्रैल को हुई समीक्षा बैठक में मांडविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से अस्पतालों का दौरा करने और 10 एवं 11 अप्रैल को तैयारियों का निरीक्षण करने का अनुरोध किया था. राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रधान एवं अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ ऑनलाइन बैठक में मांडविया ने इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण (एसएआरआई) के बढ़ते मामलों की निगरानी करने, जांच और टीकाकरण बढ़ाने तथा अस्पतालों के बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित कर आपात ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया था.


कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर
संक्रमण की पुष्टि वाले नमूनों का समग्र जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने के अलावा उन्होंने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के बारे जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया था. बैठक के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सूचित किया गया था कि वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वायरस के एक चिंताजनक स्वरूप (वीओआई), एक्सबीबी.1.5 और छह अन्य स्वरूपों (बीक्यू.1, बीए.2.75, सीएच.1.1, एक्सबीबी, एक्सबीएफ और एक्सबीबी.1.16) पर बारीकी से नजर रख रहा है. वायरस का चिंताजनक स्वरूप (वीओआई) उन स्वरूपों को कहा जाता है जिनमें परिवर्तन के शुरुआती वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं और जो तेजी से प्रसारित हो रहे हैं.


बैठक के दौरान यह भी उल्लेख किया गया था कि 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जांच दर मौजूदा राष्ट्रीय औसत प्रति 10 लाख लोगों पर 100 जांच की तुलना में कम है. मांडविया ने कहा था कि वायरस के नए स्वरूपों के आने के बावजूद पांच नियमों ‘‘जांच - निगरानी - उपचार - टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन’’ की रणनीति कोविड-19 प्रबंधन के लिए आजमाई हुई रणनीति बनी हुई है. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जांच की दर में तेजी लाने और परीक्षणों में आरटी-पीसीआर की भागीदारी बढ़ाने का अनुरोध भी किया गया था.


(एजेंसी इनपुट्स के साथ.)


इसे भी पढ़ें- साल बाद आये BCCI अधिकारियों के अच्छे दिनबोर्ड ने DA बढ़ा कर की पैसों की बरसात


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.