नई दिल्ली: PPF के नियमों में बड़े बदलाव से ग्राहकों को लाभ होने की पूरी उम्मीद है. अब पीपीएफ अकाउंट में जमा रकम जब्त नहीं की जा सकती है. सरकार ने इसके लिए बने नियम को अधिसूचित कर दिया है. जिसके बाद अब किसी कोर्ट के आदेश या डिक्री के बाद भी कुर्की संभव नहीं है. 


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पब्लिक प्रविंडेट फंड में 15 साल का लॉक इन पीरियड
केन्द्र सरकार का बनाया हुआ नया नियम पब्लिक प्रविडेंट फंड स्कीम 2019 ने पीपीएफ के पिछले सभी नियमों का स्थान ग्रहण कर लिया है. PPF में 15 साल का लॉक इन पीरियड का प्रावधान किया गया है. यानी जमा पैसा खाता खुलाने के 15 साल बाद ही मिल पाएगा. हालांकि, मैच्योरिटी के बाद PPF अकाउंट को एक्सटेंड भी कराया जा सकता है. यही नहीं इसे आगे भी पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. 


हालांकि 7 सालों बाद हो सकती थी निकासी
वैसे तो PPF में निवेश 15 सालों के लिए लॉक हो जाता है. लेकिन अगर आप किसी तरह के वित्तीय संकट में फंसे हुए हों तो 7 साल में भी अपना पैसा निकाल सकते हैं. सरकार के प्रावधानों के मुताबिक वित्तीय संकट की स्थिति में समय-पूर्व निकासी की सुविधा दी जाती है.  


इस तरह करें PPF में निवेश 
PPF में खाता खुलवाने के लिए प्रति वर्ष न्यूनतम 500 रुपए का निवेश करना पड़ता है. इसकी अधिकतम सीमा प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख रुपये है. PPF निवेश एक सुरक्षित निवेश है. इसमें किए जाने वाले निवेश पर किसी भी तरह का क्रेडिट जोखिम नहीं होता है. 


और अब सरकार के नए फैसले के बाद पीपीएफ का पैसा अदालत से भी सुरक्षित हो गया है. क्योंकि PPF  के खाते में जमा राशि अदालत के आदेश के बाद भी कुर्की जब्ती से बच जाएगी. भले ही किसी आपराधिक वारदात में पीपीएफ खाताधारक को अदालत से जब्ती का आदेश निकाला गया हो.