Delhi Flood: यमुना का जलस्तर होने लगा कम लेकिन खतरा बरकरार, एक और आफत आने वाली है!
दिल्ली में उफान पर बह रही यमुना नदी में शनिवार सुबह जल स्तर घटना शुरू हुआ लेकिन यह प्रति घंटे कुछ सेंटीमीटर की गति से ही कम हो रहा है. बहरहाल, यमुना अब भी खतरे के निशान 205.33 से दो मीटर अधिक पर बह रही है. अगर राष्ट्रीय राजधानी तथा ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में और बारिश होने का पूर्वानुमान सच साबित होता है तो हालात बिगड़ सकते हैं.
नई दिल्लीः दिल्ली में उफान पर बह रही यमुना नदी में शनिवार सुबह जल स्तर घटना शुरू हुआ लेकिन यह प्रति घंटे कुछ सेंटीमीटर की गति से ही कम हो रहा है. बहरहाल, यमुना अब भी खतरे के निशान 205.33 से दो मीटर अधिक पर बह रही है. अगर राष्ट्रीय राजधानी तथा ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में और बारिश होने का पूर्वानुमान सच साबित होता है तो हालात बिगड़ सकते हैं.
अभी 207.62 मीटर है यमुना का जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, यमुना का जल स्तर शनिवार सुबह सात बजे घटकर 207.62 मीटर पर आ गया. बृहस्पतिवार रात आठ बजे यह 208.66 मीटर पर था. पिछले दो दिन में हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से जल प्रवाह में कमी आने के कारण यमुना में जल स्तर में और गिरावट आने की संभावना है.
IMD ने दो दिन तक बारिश के आसार जताए
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिन तक शहर में मध्यम बारिश होने तथा अगले पांच दिन उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ‘भारी से बहुत भारी बारिश’ होने का अनुमान जताया है जिससे नदी में जल स्तर बढ़ने का खतरा बढ़ गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दिल्ली में और बारिश होती है तो जलभराव हो सकता है तथा पानी की निकासी में सामान्य से अधिक वक्त लग सकता है.
सुप्रीम कोर्ट, राजघाट, आईटीओ तक भर गया था पानी
शुक्रवार को यमुना के उफान पर बहने तथा नालों के पानी के विपरीत दिशा से अवांछित प्रवाह के कारण उच्चतम न्यायालय, राजघाट तथा आईटीओ चौक जैसे प्रमुख स्थान जलमग्न हो गए थे. दिल्ली एक सप्ताह से जलभराव और बाढ़ का सामना कर रही है जिससे जनजीवन पर काफी असर पड़ा है.
सेना ने इंद्रप्रस्थ जल रेगुलेटर ठीक किए
उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शुक्रवार देर रात बताया कि सेना ने यमुना नदी के तेज बहाव के कारण इंद्रप्रस्थ के निकट क्षतिग्रस्त हुए जल रेगुलेटर (गति व्यवस्थापक) की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है. उपराज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘मजदूर कर्मियों, भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों को नमन. उनके अथक प्रयास और परिश्रम से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमारत के सामने यमुना का तटबंध किया जा सका और आईटीओ बैराज पर गाद से जाम गेट को खोला जा सका.’
आईटीओ बैराज पर जाम पांच गेट भी खोले गए
उन्होंने ट्वीट में ईश्वर से प्रार्थना की कि बाढ़ की स्थिति में निरंतर सुधार हो. इससे पहले उपराज्यपाल कार्यालय ने उम्मीद जताई थी कि देर रात तक काम पूरा हो जाएगा. वहीं उपराज्यपाल कार्यालय के एक बयान में कहा था कि सेना ने आईटीओ बैराज के पांच गेटों को जाम करने वाली गाद और कीचड़ को साफ करने का काम भी पूरा कर लिया है.
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