नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर को क्लीन चिट देने के लिए ड्रग कंट्रोलर को कड़ी फटकार लगाई. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि आप जांच नहीं कर सकते हैं तो बताएं.


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हम आपको हटाकर किसी और को यह जिम्मा दे देतेे हैं. दरअसल गौतम गंभीर के खिलाफ कोरोना काल में दवाइयां बांटने के खिलाफ एक याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई है.


किस कानून के तहत गंभीर ने बांटी दवाइयां


दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर से कहा कि हम चाहते थे कि आप बताएं कि किस कानून के तहत इसकी इजाजत है, किसमे नहीं, इन दवाओं को इतनी बड़ी मात्रा में हासिल करने के लिए क्या जरूरी है. यह नहीं पूछ रहे थे कि कितने लोगों की जान बची.


हाई कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को हाजिर होने का दिया आदेश


दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को एक हफ्ते का समय देने से इनकार करते हुए कहा कि वह आज ही हमारे सामने हाजिर हो. अगर वह अपना काम नहीं कर सकते हैं तो हम उन्हें सस्पेंड कर देते हैं. आपको क्या लगता है कि हम अपनी आंखें बंद कर लें जब हम खुद जमीनी हकीकत देख रहे हों.


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हाई कोर्ट कर रहा है गंभीर पर लगे आरोपों की जांच


इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की पिछली सुनवाई में ड्रग कंट्रोलर से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. इस पर आज ड्रग कंट्रोलर की रिपोर्ट में बताया गया कि दावा किया कि गंभीर ने 22 से 27 अप्रैल के बीच मेडिकल कैंप लगाया था.


उन्होंने वेरियस डीलर्स से दवाइयों के लिए संपर्क किया था, इसीलिए उन्होंने रिटेल बिक्री में दखल नहीं दिया. इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को कड़ी फटकार लगाई कि कैसे वह ऐसा कर सकते हैं.


कोर्ट ने कहा कि किसी की इन दवाइयों की कमी की वजह से जान जा रही थी और आप ऐसे व्यक्ति का पक्ष ले रहे हैं जिसने ज्यादा दवाइयां हासिल की.


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