बजट से पहले वित्त मंत्री ने बताया वैकल्पिक कर व्यवस्था का मकसद, जानिए नई और पुरानी आयकर व्यवस्था में अंतर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सात कर स्लैब वाली वैकल्पिक आयकर व्यवस्था इसलिए लाई ताकि निम्न आय वर्ग के लोगों को कम कर देना पड़े. सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में प्रत्येक करदाता लगभग 7-10 छूट का दावा कर सकता है और आय सीमा के आधार पर आयकर की दरें 10, 20 और 30 प्रतिशत के बीच होती हैं.
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सात कर स्लैब वाली वैकल्पिक आयकर व्यवस्था इसलिए लाई ताकि निम्न आय वर्ग के लोगों को कम कर देना पड़े. सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में प्रत्येक करदाता लगभग 7-10 छूट का दावा कर सकता है और आय सीमा के आधार पर आयकर की दरें 10, 20 और 30 प्रतिशत के बीच होती हैं.
वित्त मंत्री ने सात स्लैब बनाने की पीछे की वजह बताई
मंत्री ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था के साथ ही सरकार एक वैकल्पिक प्रणाली लेकर आई है, जिसमें कोई छूट नहीं है, लेकिन यह सरल है और इसकी कर दरें कम हैं. सीतारमण ने कहा, 'मुझे सात स्लैब इसलिए बनाने पड़े, ताकि कम आय वर्ग के लोगों के लिए कम दरें हों.'
आम बजट 2020-21 में सरकार लाई थे वैकल्पिक कर व्यवस्था
वह ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के उपाध्यक्ष गौतम चिकरमाने की किताब 'रिफॉर्म नेशन' के विमोचन के मौके पर बोल रही थीं. सरकार ने आम बजट 2020-21 में वैकल्पिक आयकर व्यवस्था शुरू की थी, जिसके तहत व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) पर कम दरों के साथ कर लगाया गया.
नई कर व्यवस्था क्या है?
नई कर व्यवस्था में किराया भत्ता, आवास ऋण के ब्याज और 80सी के तहत निवेश जैसी अन्य कर छूट नहीं दी जाती है. इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की कुल आय कर मुक्त है. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की कुल आय पर पांच फीसदी, पांच लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की कुल आय पर 10 फीसदी, 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर आय पर 30 फीसदी की दर से कर लगाया जाता है.
पुरानी कर व्यवस्था क्या है?
पुरानी कर व्यवस्था के तहत भी 2.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये के बीच की आय पर पांच प्रतिशत कर लगता है, जबकि पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच 20 प्रतिशत कर लगाया जाता है. इसके बाद 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी कर लगता है.
पुरानी कर व्यवस्था के लाभ को नहीं हटाया गया है
सीतारमण ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था के लाभ को हटाया नहीं गया है, बल्कि नयी छूट मुक्त कर व्यवस्था आयकर रिटर्न प्रणाली का एक वैकल्पिक रूप है. मंत्री ने कहा कि उत्पीड़न को खत्म करने के लिए कर विभाग ने आयकर रिटर्न के ‘फेसलेस’ यानी बिना आमने-सामने आये आकलन की व्यवस्था की है.
(इनपुटः भाषा)
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