नई दिल्लीः कोरोना के महासंकट के दौर में भी कंपनियां निजी फायदे के लालच में हैं. जब सारी दुनिया इस आपदा से जूझ रही है और सभी कुछ सामान्य करने पर दुनियाभर के लोग अपनी-अपनी क्षमताओं से सहयोग कर रहे हैं ऐसे में दवा बनाने वाली कंपनी ग्लेनमार्क ने मुनाफे के लिए में बड़ी हरकत की है. इस पर DGCI ने उसे आड़े हाथों लिया है. 


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नोटिस किया जारी
जानकारी के मुताबिक, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने मुंबई स्थित फ़ार्मास्युटिकल कंपनी ग्लेनमार्क को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा को लेकर गलत दावा करने और उसके मूल्य के संबंध में नोटिस जारी किया है.



ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) वीजी सोमानी ने कोविड-19 के इलाज में इस्‍तेमाल की जा रही जेनरिक दवा FabiFlu को लेकर किए गए झूठे दावों और ज्‍यादा कीमत पर ग्‍लेनमार्क फार्मास्‍युटिकल्‍स लिमिटेड (Glenmark) की जमकर खिंचाई की है. 


विधायक ने की थी शिकायत
फैबीफ्लू को लेकर किन्हीं विधायक ने शिकायत की है. डीसीजीआई को मिली शिकायत पर सोमानी ने कहा कि ग्‍लेनमार्क की ओर से फैबीफ्लू की प्रस्‍तावित कीमत गलत थी. इसे किसी भी लिहाज से देश के गरीब, निम्‍न मध्‍य वर्ग और मध्‍य वर्ग के लिहाज से उचित नहीं ठहराया जा सकता था. 


ग्लेनमार्क का यह था दावा
शिकायत की गई थी कि फैबिफ्लू के साथ इलाज का कुल खर्च करीब 12,500 रुपये आएगा.  ग्लेनमार्क ने दावा किया है कि यह दवा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटिज जैसी बीमारियों में कारगर साबित होती है



जबकि प्रोटोकॉल के अनुसार इस दवा का ऐसा कोई ट्रायल नहीं किया गया है. इसे लेकर फैबिफ्लू का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है.'


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