`मीडिया को लड़ाना नहीं चाहिए`, पायलट से तनाव के बीच CM गहलोत की क्या है रणनीति?
माना जा रहा है अशोक गहलोत ने चुनावों को मद्देनजर रखकर नई टिप्पणी की है. चुनाव से पहले पार्टी में चल रही खींचतान विधानसभा चुनाव में नुकसान पहुंचा सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि अशोक गहलोत ने लड़ाई का ठीकरा मीडिया पर फोड़कर पार्टी की अंदरूनी कलह को शांत करने की अपनी तरफ से शुरुआत कर दी है.
जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ नेतृत्व को लेकर जारी खींचतान के बीच कहा है कि मीडिया को लोगों को आपस में लड़ाना नहीं चाहिए. गहलोत ने पत्रकारों से कहा कि इस बात पर जोर दिया कि राज्य में कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कार्यक्रमों पर केंद्रित रहेगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने पिछले पांच वर्षों में किए गए कार्यों के आधार पर अपनी सरकार के राज्य की सत्ता में बने रहने का भरोसा भी जताया.
गहलोत की टिप्पणी पायलट के साथ चल रहे विवाद की पृष्ठभूमि में आई है. दिसंबर 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान है. हाल ही में, पायलट ने एक दिन का उपवास रखकर गहलोत के खिलाफ एक और मोर्चा खोल दिया. पायलट ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिसका वादा 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले किया गया था.
विवाद पर नहीं दी सीधी प्रतिक्रिया
गहलोत ने हालांकि पायलट के हमले पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी. उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि मीडिया को लोगों को लड़ाना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मीडिया को सच्चाई और तथ्यों पर टिके रहना चाहिए ... मीडिया को हमें आपस में नहीं लड़ाना चाहिए। उन्हें (मीडियाकर्मियों को) अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और यह जनहित में है....’ राजस्थान में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
क्या गहलोत विवाद को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं?
माना जा रहा है अशोक गहलोत ने चुनावों को मद्देनजर रखकर नई टिप्पणी की है. चुनाव से पहले पार्टी में चल रही खींचतान विधानसभा चुनाव में नुकसान पहुंचा सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि अशोक गहलोत ने लड़ाई का ठीकरा मीडिया पर फोड़कर पार्टी की अंदरूनी कलह को शांत करने की अपनी तरफ से शुरुआत कर दी है. दरअसल सचिन पायलट गुट से लगातार खींचतान के बीच अशोक गहलोत आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पूरी रणनीति तय करना चाहते हैं.
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