नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब में और दिल्ली से लगे कुछ अन्य राज्यों में पराली जलाना रोकना होगा तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर घटाने के लिए एक समाधान ढूंढना होगा. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से जुड़े एक विषय की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर कई रिपोर्ट और समितियां हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है. 


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कहा- जल्द ढूंढ़ना होगा समाधान
पीठ ने कहा कि शीर्ष न्यायालय नतीजे देखना चाहता है. पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसनुद्दीन अमानउल्ला हैं. न्यायालय को यह बताया गया कि खेतों में पराली जलाये जाने को रोकने के लिए हर कोशिश की जा रही है. शीर्ष न्यायालय ने वायु प्रदूषण पर 1985 में पर्यावरणविद एम सी मेहता द्वारा दायर एक याचिका पर विचार करते हुए और विषय की सुनवाई के दौरान उठाये गए पराली जलाने के मुद्दे पर यह टिप्पणी की. 


ऑड ईवन हुआ स्थगित
ष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन योजना को 13 से 20 नवंबर तक स्थगित करने का फैसला किया है. इस फैसले की घोषणा शुक्रवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने की. राय ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा, ''जिस तरह से अब राष्ट्रीय राजधानी में बारिश के कारण मौसम बदल गया है और हवा की गति भी तेज हो गई है, वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है.


“प्रदूषण का स्तर, जो पिछले कुछ दिनों में 'गंभीर प्लस' तक पहुंच गया था, बारिश के बाद कल रात से सुधार हुआ है. और हवा की गुणवत्ता जो पहले 450 से ज्यादा थी वह घटकर 300 पर आ गई है. ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना के फैसले को स्थगित कर दिया गया है.''
उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद प्रदूषण की स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा और अगर मांग हुई तो सरकार इस योजना पर फैसला करेगी. दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू करने की घोषणा की थी.


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