ग्रेटर नोएडा: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है. कई राज्य मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग से जूझ रहे हैं और यह बीमारी डेयरी क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बनकर उभरी है.


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स्वदेशी टीका तैयार
मोदी ने यहां इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ''हमारे वैज्ञानिकों ने ढेलेदार त्वचा रोग के लिए स्वदेशी टीका भी तैयार किया है.'' उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में भारत के कई राज्यों में इस बीमारी के कारण पशुओं की हानि हुई है. 


क्या होता है लम्पी रोग
ढेलेदार त्वचा रोग यानी एलएसडी एक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो मवेशियों को प्रभावित करती है. यह त्वचा पर गांठ, बुखार का कारण बनती है. इस बीमारी से पशुओं की मौत भी हो सकती है. यह रोग मच्छरों, मक्खियों, जूंओं और ततैयों से फैलता है. इसके अलावा दूषित भोजन और पानी से भी यह बीमारी फैलती है. 



डेयरी सेक्टर की सराहना
कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र में महिलाएं 70 प्रतिशत कार्यबल का प्रतिनिधित्व करती हैं और डेयरी सहकारी समितियों की एक तिहाई से अधिक सदस्य महिलाएं हैं. उन्होंने आगे कहा कि पिछले 5-6 वर्षों में कृषि और डेयरी क्षेत्र में 1,000 से अधिक स्टार्टअप बनाए गए. प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस बना रहा है और डेयरी क्षेत्र से जुड़े हर पशु को टैग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 'एनिमल बेस' योजना के तहत आधुनिक तकनीक की मदद से पशुओं की बायोमेट्रिक पहचान की जा रही है. 

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