मुंबई: महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास कर लिया है. उनको 164 वोट मिले हैं. वहीं इससे उद्धव ठाकरे वाले गुट की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि उन पर शिंदे गुट का व्हिप लागू हो सकता है जिससे उनके कई विधायकों को सदस्यता खतरे में पड़ सकती है. उनके गुट में कुल 16 विधायक हैं. वहीं इससे पहले शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता और गोगावले को चीफ व्हिुप के तौर पर मान्यता मिल गई है. 


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विपक्ष के चार विधायक नहीं डाल पाए वोट
विपक्ष के चार विधायक वोट नहीं डाल पाये. वोट न डाल पाने वालों में कांग्रेस के अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और एनसीपी के अन्ना बंसोडे, संग्राम जगताप शामिल हैं. ये चारों लेट हो गये थे. फिर इनको विधानसभा के अंदर नहीं जाने दिया गया.


शिंदे मूल शिवसेना का दावा नहीं कर सकते: संजय राउत 
उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की वैधता पर सवाल उठाया और कहा कि समूह मूल शिवसेना होने का दावा नहीं कर सकता. 


नार्वेकर ने शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में शिंदे खेमे से भरत गोगावले की नियुक्ति को भी मान्यता दी और ठाकरे गुट के सुनील प्रभु को हटा दिया. राउत ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि इन विधायकों (शिंदे गुट के) को खुद से कुछ सवाल पूछने चाहिए. उन्होंने चुनाव जीतने के लिए पार्टी के चिन्ह और इसके साथ मिलने वाले सभी लाभों का इस्तेमाल किया और फिर उसी पार्टी को तोड़ दिया. राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से इसे अदालत में चुनौती देंगे. शिंदे गुट ने शिवसेना छोड़ दी, फिर वे कैसे दावा कर सकते हैं कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला समूह नहीं बल्कि उनका समूह मूल पार्टी है. ठाकरे नाम शिवसेना का पर्याय है.’’ 

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