नई दिल्ली: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भले ही सरकार से सरेंडर कर दिया, लेकिन वो अब फुल ऑन एक्शन मूड में आ गए हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के नये नवेले मुख्यमंत्री को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई के बीच अब असल लड़ाई शुरू हो गई है. शिंदे ने अपने गुट को बाला साहेब का शिवसैनिक बताया है, मगर वो अब शिवसेना का सदस्य नहीं रहे.


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अब क्या करेंगे एकनाथ शिंदे?


उद्धव ने शिंदे के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया, तो सवाल ये उठने लगा कि अब एकनाथ शिंदे क्या करेंगे? क्या उन्होंने कोई प्लान बनाया है, तो सबसे पहले आपको ये बता देते हैं कि एकनाथ शिंदे के पास क्या विकल्प मौजूद है.


अब ये लड़ाई जिस मोड़ पर जाती दिख रही है, उससे ऐसा लग रहा है कि मामला चुनाव आयोग के पाले में जाने वाला है. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द एकनाथ शिंदे शिवसेना पर दावा कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो मामला चुनाव आयोग के पास जाएगा.


विधायकों के साथ बैठक करेंगे शिंदे


सूत्रों के मुताबिक गोवा से निकलने से पहले एकनाथ शिंदे विधायकों के साथ एक बैठक करेंगे. वो तमाम विधायकों को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि ये बैठक तकरीबन 11 बजे के आस-पास होगी. इसके बाद  12 बजे दीपक केसरकर मीडिया से मुखातिब हो सकते है.


इसके बाद दोपहर 2 बजे चार्टर्ड प्लेन से शिंदे की अगुवाई में सभी विधायक मुंबई लौटेंगे. उनके मुंबई लौटने पर एक तरफ शिंदे ग्रुप उनका भव्य स्वागत करने की तैयारी कर रहा है. वहीं शिवसेना की धमकी के बाद एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.


मुंबई पुलिस के जवानों के साथ साथ SRPF के 2 हजार जवान एयरपोर्ट पर तैनात रहेंगे. पुलिस सुरक्षा में जवानों को मुंबई के किसी होटल में शिफ्ट किया जाएगा. 3 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है, उसके बाद फ्लोर टेस्ट भी होना है.


शिंदे ने ऐसे छीन ली उद्धव की कुर्सी


शिवसेना में उद्धव ठाकरे से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं. उसी कुर्सी पर जिस पर कुछ वक्त पहले खुद उद्धव बैठा करते थे. हालांकि पार्टी के विधायकों की बगावत ने उन्हें हाशिये पर समेट दिया है और अब तो उनके सामने खुद का अस्तित्व बचाने का बड़ा संकट खड़ा है.


एक तरफ शिंदे अपने गुट को असली शिवसेना बता रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे तो शिंदे को शिवसैनिक मानने से ही इनकार कर रहे हैं. उद्धव कह रहे हैं कि शिंदे शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं. बीजेपी को घेरते हुए वो कह रहे हैं कि जिन लोगों ने ढाई साल पहले अपना वादा पूरा नहीं किया और शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा वो एक बार फिर से शिंदे को शिवसेना का सीएम बताकर शिवसैनिकों के बीच संशय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.


महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि 'जिस तरह से ये (शिंदे) सरकार बनी और जिन्होंने (बीजेपी) ये सरकार बनाई. उन्होंने कहा है कि एक ‘तथाकथित शिवसैनिक’ को मुख्यमंत्री बनाया गया है. अगर मेरे और अमित शाह के बीच तय हुई बातों के अनुसार सब कुछ होता, तो सत्ता परिवर्तन बेहतर ढंग से होता और मैं मुख्यमंत्री नहीं बनता या महा विकास अघाड़ी गठबंधन नहीं बनता.'


एकनाथ शिंदे गुट ही असली शिवसेना?


हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने गुट को असली शिवसेना और बालासाहेब के शिवसैनिक बता रहे हैं. शिंदे की वजह से पार्टी में टूट और सीएम कुर्सी छूटने का दर्द उद्धव भुला नहीं पा रहे हैं. यही वजह है कि शिंदे पर वार करने का कोई भी मौका उद्धव ठाकरे छोड़ना नहीं चाहते. उद्धव ने एक्शन लेते हुए शिंदे को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है.


एकनाथ शिंदे 4 जुलाई को सदन में बहुमत साबित करेंगे. बहुमत से पहले स्पीकर का चुनाव होना है, जिसके लिए बीजेपी नेता राहुल नार्वेकर ने अपना नामांकन दाखिल किया. एनसीपी ने भी स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है.


शिंदे गुट को जीत का भरोसा है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि शिवसेना इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं है और शिंदे गुट को आज एक बड़ा सरप्राइज दे सकती है. एकनाथ शिंदे ने कहा कि 'ये बगावत नहीं, अस्तित्व की लड़ाई है. हिंदुत्व के लिए बीजेपी के साथ सरकार बनाया. महाअघाड़ी में हमारी सरकार, हमारे सीएम लेकिन कांग्रेस और एनसीपी की चलती थी.'


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