नई दिल्लीः शहीद सैनिकों के परिजनों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने के साथ वीरता पदक विजेताओं के लिए नकद पुरस्कारों में भी बड़ी बढ़ोतरी की गई है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार परमवीर चक्र विजेता के लिए नकद पुरस्कार को 22,500 रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है.


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गुजरात सरकार ने की घोषणा
गुजरात सरकार ने ये घोषणा की है. विज्ञप्ति में बताया गया कि यह फैसला मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का है. इसके मुताबिक, अशोक चक्र से सम्मानित व्यक्ति को 20 हजार रुपये के बजाय राज्य सरकार से एक करोड़ रुपये मिलेंगे. सेवा के दौरान शहीद हुए सैनिक की पत्नी या परिवार को दी जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि को मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया गया है.


पूर्व सैनिकों को मनाने की कोशिश
यह घोषणा गुजरात के 500 पूर्व सैनिकों द्वारा सुबह गांधीनगर में अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने को लेकर किए गए आंदोलन के बाद हुई. इसे गुजरात में आंदोलनकारी पूर्व सैनिकों को मनाने की परोक्ष कोशिश माना जा रहा है. 


'सभी 14 मांगों को पूरा करे सरकार'
आंदोलनकारियों की मांगों में शहीद सैनिकों के परिवारों को अधिक मुआवजा देना भी शामिल है. हालांकि, एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता पूर्व सैनिकों की मांगों के अनुरूप है, लेकिन वे चाहते हैं कि सरकार उनकी सभी 14 मांगों को स्वीकार कर ले और एक सरकारी प्रस्ताव जारी करे. 


गुजरात पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष जितेंद्र निमावत ने कहा, ‘हमें सरकार द्वारा की गई इस तरह की घोषणा के बारे में पता नहीं है. हम इस पर तभी विश्वास करेंगे जब कोई मंत्री हमसे संपर्क करेगा और हमें बताएगा कि सरकार ने हमारी मांगों पर क्या फैसला किया है.’ 


5 हजार रुपये प्रति महीना मिलेगी आर्थिक सहायता
राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि शहीद सैनिक की विधवा को वर्तमान में दी जाने वाली 1,000 रुपये की मासिक आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह, शहीद के प्रत्येक बच्चे, अधिकतम दो बच्चे, को अब अपनी पढ़ाई पूरी करने या 25 वर्ष की उम्र तक 500 रुपये के बजाय 5,000 रुपये की मासिक सहायता मिलेगी. 


राज्य सरकार अभी तक अविवाहित शहीद के माता-पिता को एकमुश्त मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये और प्रत्येक माता-पिता को 500 रुपये की मासिक सहायता का भुगतान करती थी. विज्ञप्ति के मुताबिक अब, माता-पिता को एकमुश्त सहायता के रूप में पांच लाख रुपये और उनमें से प्रत्येक के लिए मासिक सहायता के रूप में 5,000 रुपये मिलेंगे. 


विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईएएस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति पूर्व सैनिकों की अन्य मांगों पर चर्चा करेगी और अंतिम निर्णय के लिए अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. 


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