अगले बजट में क्या होगा खास? वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताई ये खात बातें
देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले बजट का फोकस विकास होगा. उन्होंने क्या कुछ खास कहा, इस रिपोर्ट में जानिए..
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि 2023-24 के केंद्रीय बजट को सावधानीपूर्वक बनाया जाएगा, जहां विकास की गति को बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
विकास पर फोकस होगा आगामी बजट
वाशिंगटन में ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय के ईश्वर प्रसाद के साथ बातचीत में मंगलवार को कहा कि, आगामी केंद्रीय बजट का फोकस विकास पर होगा. इसके अलावा मुद्रास्फीति की चिंताएं भी हैं, लेकिन विकास का प्रबंधन ही मुख्य फोकस होगा.
बढ़ते सार्वजनिक ऋण और राजकोषीय घाटे के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा कि 2021-22 और 2022-23 के बजट में, सरकार ने महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए पूंजीगत व्यय में वृद्धि पर ध्यान दिया.
वित्त मंत्री ने कहा कि हमने एसेट क्रिएशन के गुण को समझा है. हमने पिछले दो बजटों में बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाया लेकिन साथ ही राजकोषीय समझदारी बनाए रखने में कामयाबी हासिल की.
देश की जरूरतों पर वित्तमंत्री ने क्या कहा?
भारत द्वारा सामना किए जा रहे तात्कालिक जोखिमों के बारे में बोलते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि, ऊर्जा और उर्वरक की जरूरतें देश के सामने सबसे तात्कालिक चुनौतियों में से एक हैं. एक सीमा के अंदर ही अक्षय ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह सभी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता.
ऊर्जा संकट के कारण, भारत कुछ समय के लिए तापीय ऊर्जा में वापस चला गया है. इसी तरह, भारत उर्वरकों का उत्पादन करने में सक्षम है और वह ऐसा कर भी रहा है, लेकिन इसकी मांग बढ़ रही है.
अर्थव्यवस्था के प्रबंधन पर क्या बोली वित्तमंत्री?
सीतारमण ने कहा कि, 'उर्वरकों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण एक संकट है और यह ऊर्जा आवश्यकताओं के साथ एक तत्काल चुनौती भी.'
महामारी के दिनों में अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के बारे में बताते हुए उन्होंने आगे कहा, अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण के कारण, जो 2014 में शुरू हुआ था, भारत लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में कामयाब रहा.' उन्होंने कहा कि, सरकार ने पहले से ही वित्तीय समावेशन के बुनियादी ढांचे के कारण लोगों को तत्काल राहत प्रदान की है.
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