लखनऊ: भारत ने उन लोगों को नागरिकता देने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ाया है जो लोग वर्षों से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में क्रूरता और अत्याचार के शिकार हो रहे हैं. अपने धर्म, अपनी बेटियों और बच्चों की जिंदगी बचाने के लिये जो लोग भारत में शरण लेने आए हैं उनके खिलाफ मुनव्वर राणा जैसे लोग अपनी धार्मिक कट्टरता को बचाने के लिये आंदोलन कर रहे हैं और लोगों को भारत के खिलाफ उग्र विरोध करने के लिये उकसा रहे हैं.


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मुनव्वर राणा की बेटियों के भीतर मासूम और प्रताड़ित हिंदुओं के खिलाफ इतना जहर भरा है कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि भारत से ज्यादा महत्वपूर्ण उनके लिये इस्लाम है.


नागरिकता कानून के विरोध में उगला जहर


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में चल रहे सीएए, एनआरसी के विरोध प्रदर्शन को शनिवार को दो महीने पूरे हो गए. इस अवसर पर धरने पर पहुंची मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना ने कहा कि हमें ध्यान रखना है कि हमें न्यूट्रल (तटस्थ) नहीं होना है वरना हमारी पहचान ही खत्म हो जाएगी. पहले हम मुसलमान हैं और उसके बाद कुछ और.



लखनऊ पुलिस लगाए बेहूदा आरोप


सुमैया राना ने लखनऊ पुलिस पर आंदोलन कर रहे लोगों के साथ अभद्रता करने और उनकी अभिव्यक्ति को दबाने के बेहूदा और झूठे आरोप लगाए. सुमैया राना ने कहा कि लखनऊ में चल रहे धरना प्रदर्शन में हमारे भाई धरना स्थल पर बैठी महिलाओं के लिए कंबल लाते हैं. बच्चों के लिए दूध लाते हैं, लेकिन लखनऊ के डीएसपी के इशारे पर कंबल छीन लिए जाते हैं.


मुस्लिम महिलाओं में बहुत ताकत- सुमैया राणा


मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने कहा कि अपने धर्म को बचाने के लिये मुस्लिम महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक यह पता था कि मुसलमानों की औरतें घरों में रहती हैं और घरेलू कामों में ही उलझी रहती हैं. लेकिन आज महिलाओं ने दिखा दिया है कि वह अपने आंचल को परचम भी बना लेना जानती हैं.


इसके अलावा धरना स्थल पर एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी भी पहुंचे. उन्होंने एलान किया कि देश में सीएए को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा. जब तक सरकार इसको वापस नहीं ले लेती तब तक इसका विरोध जारी रहेगा.


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