दिसपुरः देश के पूर्वोत्तर का इलाका इस वक्त बाढ़ से जूझ रहा है. खासकर असम के गांव-जिले और शहर इससे अधिक प्रभावित हैं. यहां कई लोगों की जान जा चुकी है और इनकी संख्या 60 से ऊपर है, वहीं कई लोगों बाढ़ प्रभावित इलाके में फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू करके निकाला जा रहा है और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. इस बाढ़ से इंसानी जन जीवन ही नहीं जीव-जंतु भी प्रभावित हैं. 


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30 लाख से अधिक लोग प्रभावित
जानकारी के मुताबिक, असम में 25 से ज्यादा जिले बाढ़ की चपेट में हैं. 30 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो गए हैं. हालात खराब है, NDRF की टीमें भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. मंगलवार को भी कुछ जिलों में कुल 9 मौतें हुई है.



वहीं काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क का 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डूब गया है. इससे वहां संरक्षित वन्य प्रजातियों के अस्तित्व पर संकट आ गया है. 


170 जानवरों को बचाया
काजीरंगा पार्क के निदेशक, पी शिवकुमार ने कहा, 'अब तक, 66 जानवरों की मौत हो चुकी है और 170 जानवरों को अब तक बचाया गया है. बाढ़ जैसी स्थिति में जानवरों के लिए बहुत भारी संकट पैदा हो जाता है. जानवरों के लिए भी कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल असम में हालात को ठीक होने में समय लगेगा. 



कई जिले हुए हैं प्रभावित
पिछले दिनों बाढ़ प्रभावित वन्य इलाके से एक बाघ के भागने की खबर आई थी जो कि बकरियों के बाड़े में छिप गया था और रात भर उसने बकरियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था. असम के होजई, धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, सोनितपुर, उदालगुड़ी, दरांग, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सालमाड़ा, गोलपाड़ा, कामरूप, मोरीगांव, कामरूप महानगर आदि में पानी घुस गया है. 


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