गोवा में इस क्रिसमस गोमांस पर संकट, गौरक्षकों के खिलाफ हड़ताल पर कुरैशी व्यापारी
Goa Christmas Beef News: गोवा में इस क्रिसमस पर गोमांस की आपूर्ति का संकट है, क्योंकि गोरक्षकों की बढ़ती घटनाओं के कारण व्यापारियों ने हड़ताल कर दी है. कुरैशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन ने 23 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. एसोसिएशन ने तब तक हड़ताल जारी रखने की कसम खाई है जब तक सरकार व्यापारियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं देती.
Goa Beef supply crisis: गोवा इस क्रिसमस पर गोमांस की आपूर्ति के संकट का सामना कर रहा है. दरअसल, ईसाई आबादी वाले राज्य में व्यापारियों ने गौरक्षकों की बढ़ती घटनाओं के विरोध में हड़ताल कर दी है. कुरैशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन ने 23 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर हड़ताल की शुरुआत की और घोषणा की कि जब तक सरकार उनकी सुरक्षा संबंधी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तब तक वे अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे.
त्यौहारों के मौसम में हड़ताल के कारण राज्य में गोमांस की आपूर्ति बाधित हुई. गोवा की 25 प्रतिशत आबादी ईसाई है और क्रिसमस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को लिखे पत्र में कुरैशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन (QMTA) ने आरोप लगाया कि गोमांस बेचने वाली दुकानों पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों द्वारा हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है.
पीटीआई के अनुसार, QMTA के सदस्य अब्दुल बेपारी ने कहा, 'हाल ही में मडगांव में हमला हुआ. हम इन समूहों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. हमें सरकार से सुरक्षा चाहिए.' बेपारी ने कई शिकायतों के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता पर भी निराशा व्यक्त की और कहा कि जब तक सरकार मांस व्यापारियों को सुरक्षा का आश्वासन नहीं देती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.
दूसरे राज्यों के व्यापारियों ने गोवा को गोमांस की आपूर्ति करने से मना किया
QMTA के उपाध्यक्ष शब्बीर बेपारी ने इस बात पर जोर दिया कि पर्याप्त स्टॉक के बिना दुकानें नहीं चल सकतीं. गोवा स्थित दैनिक अखबार द गोअन की रिपोर्ट के अनुसार पड़ोसी राज्यों के पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं द्वारा गोमांस को गोवा ले जाने में अनिच्छा के कारण संकट और बढ़ गया.
उन्होंने कहा, 'अगर स्टॉक नहीं है तो हम अपनी दुकानें नहीं खोल सकते. अगर हमें आपूर्ति मिलती है तो हम खोलेंगे, लेकिन गोमांस के बिना यह असंभव है.'
शब्बीर ने आरोप लगाया, 'बजरंग दल के कार्यकर्ता चेकपोस्ट पर तैनात हैं, ड्राइवरों को डरा रहे हैं और हिंसा का डर पैदा कर रहे हैं. हमारे आपूर्तिकर्ता गोमांस ले जाने का जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं.'
द गोअन की रिपोर्ट के अनुसार, रामनगर और कनापुर में स्थित ये चेकपोस्ट उत्पीड़न के केंद्र बन गए हैं, जिससे आपूर्तिकर्ताओं को डिलीवरी रोकनी पड़ रही है.
एसोसिएशन ने कहा कि पुर्तगाली काल से चली आ रही इस व्यापार को कभी भी इस तरह के अभूतपूर्व स्तर पर उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा.
तटीय राज्य में प्रतिदिन लगभग 20-25 टन गोमांस बेचा जाता है, जिसकी बिक्री आम तौर पर पर्यटन सीजन और त्यौहारों के दौरान चरम पर होती है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, कांग्रेस विधायक कार्लोस अल्वारेस फेरेरा ने सतर्कता की निंदा की है. उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह से अतिक्रमण है, और उन्हें वहां जाने का कोई अधिकार नहीं है.'
उन्होंने मांस की दुकानों पर गौरक्षक समूहों के हस्तक्षेप का जिक्र किया. फेरेरा ने बिना किसी आधिकारिक आदेश के दुकानों पर मांस का निरीक्षण करने की उनकी मांग की भी आलोचना की.
उन्होंने कहा, 'ये लोग किसी मान्यता प्राप्त निकाय से संबंधित नहीं हैं, और अगर वे मान्यता प्राप्त हैं, तो भी उन्हें दुकानों में घुसने और ऐसी गतिविधियां करने का कोई अधिकार नहीं है.'
सीएम सावंत ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 23 दिसंबर को यह कहते हुए चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया कि राज्य द्वारा संचालित गोवा मीट कॉम्प्लेक्स लिमिटेड गोमांस की मांग को पूरा करेगा.
सावंत ने आश्वासन दिया कि 'मांस कॉम्प्लेक्स स्वच्छ गोमांस प्रदान करता है.' लेकिन निवासियों में निराशा अभी भी बनी हुई है. QMTA ने इस मुद्दे को हल करने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों और विपक्ष दोनों के साथ बैठकें करने की मांग की है.
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