ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम कर रही सरकार, जल्द कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनेगा भारत
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने बुधवार को कहा कि सरकार हरित हाइड्रोजन उत्पादन बढ़ाने के लिये तेजी से कदम उठा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देश को आने वाले समय में कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने के लिये प्रतिबद्ध है.
नोएडा: केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने बुधवार को कहा कि सरकार हरित हाइड्रोजन उत्पादन बढ़ाने के लिये तेजी से कदम उठा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देश को आने वाले समय में कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने के लिये प्रतिबद्ध है. उन्होंने दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में 15वीं नवीकरणीय ऊर्जा प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान यह बात कही.
देश को कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने का लक्ष्य
रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे खुबा ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने आने वाले वर्षों में देश को कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. उद्योग भी उतनी ही कुशलता से जिम्मेदारी ले रहे हैं. निश्चित रूप से हम लक्ष्य को जल्द पूरा कर लेंगे.’’ उन्होंने कहा कि देश सौर और पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है.
सरकार हरित हाइड्रोजन उत्पादन बढ़ाने के उपाय कर रही है और उद्योगपतियों के समर्थन से इस क्षेत्र को तेज गति मिलने की पूरी उम्मीद है. तीन दिन की नवीकरणीय ऊर्जा प्रदर्शनी में 500 से अधिक कंपनियां क्षेत्र से संबंधित 750 से अधिक उत्पाद प्रदर्शित कर रही हैं.
देश में बढ़ेंगे रोजगार सृजन के मौके
प्रदर्शनी का आयोजन करने वाली इंफोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा, ‘‘भारत नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता के लिहाज दुनिया में चौथा सबसे बड़ा देश है. देश में दुनियाभर में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि की दर सबसे अधिक है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. यह 2032 तक देश की अर्थव्यवस्था को 4.7 प्रतिशत बढ़ा सकता और दो करोड़ रोजगार सृजित कर सकता है.’’ प्रदर्शनी में विक्रम सोलर, क्लीनटेक सोलर, अडाणी सोलर, हुआवेई, सात्विक, हैवेल्स, वारी और गोल्डी सोलर जैसी कंपनियां शामिल हैं. इसमें कनाडा, बेल्जियम और जर्मनी समेत विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
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