असम पुलिस की तरफ से गिरफ्तारी पर जिग्नेश मेवानी बोले, बदला...
असम पुलिस ने एक ट्वीट के सिलसिले में गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को राज्य के बनासकांठा जिले के पालनपुर शहर से बुधवार देर रात गिरफ्तार किया और बृहस्पतिवार तड़के अपने साथ असम ले गई.
नई दिल्लीः असम पुलिस ने एक ट्वीट के सिलसिले में गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी को राज्य के बनासकांठा जिले के पालनपुर शहर से बुधवार देर रात गिरफ्तार किया और बृहस्पतिवार तड़के अपने साथ असम ले गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोकराझार में कोर्ट में पेशी के दौरान जिग्नेश मेवानी ने कहा, 'बदले की राजनीति, वो भी पीएम की तरफ से'.
हालांकि, पुलिस ने मेवानी की गिरफ्तारी की वजह नहीं बताई, लेकिन दलित नेता के एक करीबी सहयोगी ने असम पुलिस का दस्तावेज साझा किया और दावा किया कि विधायक को महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे पर ट्वीट करने को लेकर गिरफ्तार किया गया है.
कांग्रेस नेताओं ने किया प्रदर्शन
मेवानी की गिरफ्तारी से नाराज गुजरात में कांग्रेस के नेताओं ने शहर के सारंगपुर सर्किल पर प्रदर्शन किया और उनकी रिहाई की मांग की. बनासकांठा थाने के एक अधिकारी ने बताया, ‘बुधवार देर रात पालनपुर सर्किट हाउस से असम पुलिस ने मेवानी को हिरासत में लिया और स्थानीय पुलिस को सूचित करने के बाद उन्हें असम ले गई.’
बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने असम पुलिस की ओर से मेवानी की गिरफ्तारी और पालनपुर पुलिस को सूचित करने के बाद उन्हें पूर्वोत्तर राज्य ले जाए जाने की पुष्टि की है.
मेवानी ने कांग्रेस को दिया था समर्थन
मेवानी बनासकांठा के वडगाम (सु) सीट से 2017 में कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए. हालांकि वह सैद्धांतिक रूप से कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन वह औपचारिक रूप से अभी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं. उन्होंने पहले कहा था कि वह अगला चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे.
मेवानी के सहयोगी सुरेश जाट ने बताया कि गुजरात के प्रमुख दलित नेता मेवानी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया, जो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों से जुड़ी हुई है.
असम के कोकराझार थाने में दर्ज हुई थी FIR
यह प्राथमिकी असम के कोकराझार थाने में दर्ज कराई गई थी. जाट ने कहा, ‘असम पुलिस के अधिकारियों की ओर से साझा किए गए एक दस्तावेज के अनुसार, मेवानी के कुछ दिन पुराने एक ट्वीट के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. हालांकि, इस ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया है.’ उन्होंने बताया कि यह ट्वीट नाथूराम गोडसे के बारे में था.
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