नई दिल्लीः गुजरात दंगों को दिखाने के लिए एक चेहरा बार-बार दिखाया जाता था. इसमें एक युवक के माथे में पट्टी और हाथ में लोहे का हथियार लिए रहता है. ये व्यक्ति है अशोक मोची. अशोक मोची की तस्वीरें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया दोनों में छपीं. लेकिन अब उनका दर्द छलका है. 


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'जबरदस्ती विरोध का चेहरा बनाया गया'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अशोक मोची का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती विरोधी चेहरा बनाकर दिखाया गया. उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने उनकी तस्वीर का गलत इस्तेमाल किया. यही नहीं वह उनकी फोटो दिखाकर दूसरे समुदायों की भावनाएं भड़काती थीं और चंदा इकट्ठा करती थीं. 


'मुझे आतंकी से खतरनाक बताया गया'
जूता पॉलिश करने वाले अशोक मोची ने कहा कि उनकी फोटो हर जगह पहुंचाई गई. उन्हें दंगा फैलाने वाला और आतंकी से भी खतरनाक बताया गया. उन्होंने कहा की मुझे कभी अपनी सच्चाई कहने का मौका ही नहीं मिला. 


'भावनाएं भड़काने का काम किया गया'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अशोक मोची ने कहा कि लोगों को पता था कि वह वैसे नहीं हैं इसीलिए आज वह स्वतंत्र रूप से काम भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनजीओ और तीस्ता सीतलवाड़ ने उनकी तस्वीर को मुस्लिम चेहरे के साथ जोड़कर भावनाएं भड़काने का काम किया. उनकी तस्वीर के आगे बजरंग दल का टैग लगाया. लेकिन, यहां के मुस्लिमों को सच्चाई पता थी इसलिए किसी ने उनके खिलाफ गवाही नहीं दी.


तीस्ता सीतलवाड़ पर लगे हैं गंभीर आरोप
बता दें कि तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर एसआईटी ने खुलासा किया है कि वह गुजरात में तत्कालीन बीजेपी सरकार गिराने की बड़ी साजिश में शामिल थीं. बीजेपी ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार गिराने के लिए तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के जरिए 30 लाख रुपये तीस्ता सीतलवाड़ को भिजवाए थे.


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