Gyanvapi, Mathura mosques row: अजमेर दरगाह प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा है कि वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिदों से जुड़े विवादों को अदालतों के बाहर सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी विवाद का समाधान आपसी सहमति से होना चाहिए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

PTI की रिपोर्ट के अनुसार, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल की राजस्थान इकाई द्वारा आयोजित 'पैगाम-ए-मोहब्बत हम सबका भारत' सम्मेलन को संबोधित करते हुए आबेदीन ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम की सभ्यता का पालन करते हुए विश्व में शांति बहाल करने में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है.


उन्होंने कहा, 'भारत विश्व शांति में अपनी भूमिका निभा रहा है, इसलिए हमारे देश के आंतरिक मुद्दों को अदालतों के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का प्रयास किया जाना चाहिए... बस एक मजबूत पहल की जरूरत है.'


उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर मुस्लिम समुदाय को गुमराह किया जा रहा है.


दरगाह प्रमुख ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि अधिनियम के प्रावधानों के विस्तृत विश्लेषण के बाद हमने पाया कि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है और यह कानून उन पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा. इससे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यक अप्रवासियों को लाभ होगा. इससे किसी की भारतीय नागरिकता नहीं छिनने वाली है.'


उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.


क्या है मस्जिदों पर हिंदू पक्ष का कहना?
बात मस्जिदों की करें को हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिदें मुगलों द्वारा ध्वस्त किए गए मंदिरों के खंडहरों पर बनाई गई थीं. इस महीने की शुरुआत में, वाराणसी की एक अदालत ने एक पुजारी के परिवार को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के एक तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी.


हिंदू पक्ष का दावा है कि अदालत के आदेश पर वाराणसी में प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद का ASI सर्वेक्षण एक हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाया गया था. उन्होंने पिछले महीने दावा किया था कि एजेंसी को मस्जिद के अंदर एक मंदिर के पार्ट मिले हैं.


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.