नई दिल्लीः भले ही रैगिंग अपराध है और इसे लेकर कड़ा कानून है, लेकिन इसके बाद भी रैगिंग की कुछ घटनाएं सामने आ जाती है. ये न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि कॉलेजों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती हैं. अब ताजा मामला उत्तराखंड के नैनीताल जिले स्थित हल्द्वानी का है. यहां राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में छात्रों का सिर मुंडाए और पीछे बंधे हुए हाथ के साथ एक कतार में चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है. इसे कथित तौर पर सीनियर छात्रों की ओर से की गई रैगिंग बताया जा रहा है. 


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कॉलेज प्रबंधन कर रहा घटना से इनकार
हालांकि, इस संबंध में पीड़ित छात्रों की तरफ से कोई शिकायत नहीं की गई है, जबकि कॉलेज प्रबंधन भी ऐसी किसी घटना से इनकार कर रहा है. पुलिस को भी इस बारे में कोई औपचारिक शिकायत नहीं की गई है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण जोशी ने ऐसी किसी घटना से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है. 


प्रथम वर्ष के छात्र बताए जा रहे 
कॉलेज के जनसंपर्क अधिकारी आलोक उप्रेती ने भी कहा कि पड़ताल में ऐसी किसी घटना की जानकारी सामने नहीं आई है. उन्होंने कहा कि कई छात्रों से बात की गई है और उन्होंने अपने साथ रैगिंग होने से इनकार किया है. प्रसारित वीडियो में कतारबद्ध होकर चलते दिखाई दे रहे 27 छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के बताए जा रहे हैं. 


'डॉक्टर साहब नमस्कार' कहते हुए दिख रहे छात्र
लैब कोट पहने और चेहरे पर मास्क लगाए सभी छात्र अपने चेहरे नीचे की ओर किए हैं. वीडियो में उन्हें ‘डॉक्टर साहब नमस्कार’ कहते भी सुना जा सकता है. पूर्व में भी हल्द्वानी का यह मेडिकल कॉलेज इसी प्रकार की शिकायतों के लिए खबरों में रहा है जब कनिष्ठ छात्रों ने वरिष्ठ छात्रों पर आरोप लगाए थे. 


जूनियर्स को पीटने का आया था मामला 
तब कनिष्ठ छात्रों ने पीटे जाने, एक-दूसरे के सिर पर बोतलें फोड़ने के लिए मजबूर करने और सिगरेट से चेहरा दागने के आरोप लगाए थे. कुछ महीने पहले दिसंबर में भी छात्रों ने ऐसी ही एक शिकायत की थी जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए आरोपी छात्र को छात्रावास से बाहर निकाल दिया था.


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