लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस का असल सच क्या है इसका पता लगाने के लिए जांच चल रही है. इस बीच मथुरा से गिरफ्तार हुए दंगे की साजिश रचने वाले 4 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि FIR में किन किन बड़ी बातों को शामिल किया गया है.


शांति भंग करने के लिए जा रहे थे हाथरस


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दर्ज FIR में बताया गया है कि अतीकुर्रहमान, आलम, सिद्दीक कप्पन और मसूद अहमद के पास से गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप व जस्टिस वर्ग हाथरस नाम के पंपलेट पाए गए थे. FIR में कहा गया है यह लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे.


एफआईआर के अनुसार मीडिया रिपोर्टों में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ लोग सामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर सामाजिक विद्वेष एवं जातीय तनाव तथा देश के सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करते हुए हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की आड़ में दंगा भड़काने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. कुछ लोग card.co नाम की वेबसाइट का संचालन कर रहे हैं, चंदा एकत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं.


दंगा भड़काने के लिए विदेश से चंदा


FIR में इस बात का जिक्र किया गया है कि विदेशों से प्राप्त चंदा से शांति व्यवस्था एवं सामाजिक समरसता को प्रभावित करते हुए दंगा भड़काने के कार्य में लिप्त हैं. चंदे की धनराशि जिस माध्यम से प्राप्त की जा रही है उसकी कोई वैध प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है और यह धनराशि जप्त करने योग्य है. उक्त वेबसाइट द्वारा विदेशों से प्राप्त चंदे का उपयोग समाज में हिंसा भड़काने के प्रयोग में किया जा रहा है बरामद पंपलेट Am I not India's daughter, made with Carrd आदि मुद्रित सामग्री सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाने वाले एवं जन विद्रोह भड़काने वाले हैं. इस वेबसाइट का उपयोग जातिगत हिंसा व दंगा भड़काने चंदा एकत्र करने एवं तथाकथित गैंगरेप की घटना की अफवाह फैलाने में किया जा रहा है.


जानकारी के मुताबिक इस वेबसाइट से जुड़े संगठनों एवं लोगों ने बाकायदा साजिश रचने के लिए काम किया. न्याय दिलाने की आड़ में इनके द्वारा भीड़ एकत्र करने, अफवाह फैलाने, चंदा एकत्र करने जैसे काम को अंजाम दिया जा रहा है. इस प्रकार की वेबसाइट युवाओं में राष्ट्र विरोधी भावनाओं को जागृत कर रहे हैं.


भारत में राष्ट्र विरोधी दुष्प्रचार


इस वेबसाइट card.co के माध्यम से कई प्रकार के भारत में राष्ट्र विरोधी दुष्प्रचार किए जा रहे हैं. जैसे मॉब लिंचिंग की घटना का दुष्प्रचार, हाल में मजदूरों का पलायन एवं कश्मीर में विघटनकारी तत्वों के समर्थन में व्यापक प्रचार इत्यादि प्रमुख हैं.


इस वेबसाइट का मूल उद्देश्य जातिगत विद्वेष को बढ़ावा देना एवं समाज में अस्थिरता पैदा करना तथा बड़े पैमाने पर दंगे फैलाए जाना पाया गया है. इस वेबसाइट के माध्यम से दंगे के दौरान अपनी पहचान छुपाने के, शांति व्यवस्था भंग करने के उपायों की जानकारी दी जाती है. इस प्रकार से carrd.co और justice for hathras वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य  सामाजिक विद्वेष, जातिगत हिंसा में बढ़ावा देने के लिए किए जाना पाया जा रहा है. यह कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 153 ए तथा 295a की परिधि में अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है.


किन-किन धाराओं में FIR?


इन वेबसाइट को संचालित करने वाले लोगों का कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा 124 ए के अंतर्गत विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा पैदा करने वाला है, जो राजद्रोह की परिधि में आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है. UAPA की धारा 17 व 18 का अपराध भी सृजित हो रहा है. IT Act की धारा 6572 एवं 75 का अपराध किया गया है.


यूपी पुलिस दोनों वेबसाइट्स की जांच निम्न बिंदुओं पर करेगी. उक्त वेबसाइट, प्लेटफार्म किसके द्वारा, किस उद्देश्य से बनाया गया है. अब तक इस वेबसाइट से कितनी धनराशि एकत्र की गई है. जो धनराशि एकत्र की गई है, उसे कहां इस्तेमाल किया गया है किन लाभार्थियों के खाते में भेजा गया है.


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