नई दिल्ली: पिछले दो महीनों में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार कई बार देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुने जा चुके गए इंदौर शहर (Indore City) की आधी आबादी किसी न किसी बीमारी (Disease) से पीड़ित है.


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अधिकारियों को सौंपी जाएगी सर्वे की रिपोर्ट
इंदौर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद शंकर लालवानी ने शनिवार को मीडिया को बताया कि आगे की कार्रवाई और उपचारात्मक उपायों के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की इंदौर इकाई और रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी जाएगी.


सांसद लालवानी ने कहा, 'शहर में 42 स्थानों पर आयोजित 394 स्वास्थ्य शिविरों में लगभग एक लाख लोगों की जांच की गई. सर्वेक्षण में शामिल आधे व्यक्तियों की रिपोर्ट असामान्य पाई गई. यह निष्कर्ष आठ बायोमेडिकल पैमाने के आधार पर निकाला जा रहा है.'


सर्वे को इंदौर के जिलाधिकारी ने बताया चिंताजनक
उन्होंने कहा कि लगभग 48 प्रतिशत निवासियों में एक परीक्षण में कुछ असामान्यता थी, 9.5 प्रतिशत में रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि हुई थी, 17 प्रतिशत में उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर था, 6 प्रतिशत में असामान्य एसजीपीटी था, जो यकृत की बीमारियों का संकेत देता है, जबकि 13 प्रतिशत में असामान्य सीरम था.


उन्होंने कहा कि उच्च और निम्न आय वर्ग के लोगों की तुलना में मध्यम वर्ग ऐसी बीमारियों से अधिक प्रभावित था. सर्वे को चिंताजनक बताते हुए इंदौर के जिलाधिकारी इलैयाराजा टी ने कहा कि शहर के नागरिकों को अपने स्वास्थ्य में सुधार के लिए चिकित्सकीय सलाह के अनुसार जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव करना चाहिए.


इंदौर को मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी माना जाता है और भारत के सबसे तेजी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में से एक है. इस शहर की आबादी 25 लाख है.


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