नई दिल्लीः राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन के बीच मणिपुर मुद्दे पर नोटिस देने वाले सदस्यों की पार्टी संबद्धता के मुद्दे पर तीखी बहस के बाद सोमवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे के लिए स्थगित कर दी गई. सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही तृणमूल कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्य साकेत गोखले ने उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली. 


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सभापति को अल्पकालिक चर्चा के लिए मिले 11 नोटिस
इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. धनखड़ ने बताया कि उन्हें नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा के लिए 11 नोटिस मिले हैं. उन्होंने नोटिस देने वाले सभी सदस्यों के नाम के साथ उनके दल और उनके मुद्दों का उल्लेख किया और कहा कि सभी नोटिस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. 


'मणिपुर हिंसा को लेकर दिए गए नोटिस पहले कर लिए थे स्वीकार'
धनखड़ ने कहा कि आखिरी नोटिस को छोड़कर शेष सभी नोटिस पर वह गंभीरता से विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जहां तक आखिरी नोटिस का सवाल है तो आपको याद होगा कि 20 जुलाई को मैंने इस बारे में अपनी व्यवस्था दे दी थी. मणिपुर में हिंसा को लेकर दिए गए नोटिस मैंने स्वीकार कर लिए थे.' उन्होंने कहा कि उसी दिन सदन के नेता पीयूष गोयल ने सरकार की तरफ से कहा था कि उन्हें इन नोटिस पर चर्चा कराने में कोई आपत्ति नहीं है. 


 



कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा कराने के लिए 27 नोटिस मिले
सभापति ने इसके बाद बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा कराने के लिए 27 नोटिस मिले हैं. उन्होंने जैसे ही उल्लेख करना आरंभ किया कि उन्हें मल्लिकार्जुन खरगे (विपक्ष के नेता), जॉन ब्रिटास, ए डी सिंह... की ओर से नोटिस मिले हैं, तृणमूल कांग्रेस के सदन में नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने आपत्ति जताई और सभापति से पूछा कि ये सदस्य किस दल के हैं, उनका भी जिक्र किया जाना चाहिए. 


धनखड़ ने डेरेक से उनकी सीट पर बैठ जाने को कहा लेकिन तृणमूल नेता ने अपनी बात जारी रखी. तृणमूल नेता ने कहा ‘आपने जैसे भाजपा के सदस्यों का नाम लिया, वैसे ही अन्य नोटिस देने वालों के दल का भी उल्लेख कीजिए.’ इस पर सभापति ने कहा, ‘श्रीमान डेरेक ओ’ब्रायन, आप आसन को चुनौती दे रहे हैं.’ 


हंगामे के बाद स्थगित हुआ सदन
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर करीब नौ मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. उल्लेखनीय है कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को हुई थी. 20 और 21 जुलाई को, दोनों दिन सदन में मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया रहा. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के चलते राज्यसभा में दोनों दिन कामकाज बाधित रहा.


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