नई दिल्ली: गांधीनगर के रायसन गांव में वृंदावन बंगला-2 सोसायटी के निवासियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन सादगी की प्रतिमूर्ति थीं और हमेशा सुर्खियों से दूर रहीं. हीराबेन का शुक्रवार की सुबह अहमदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 99 वर्ष की थीं. वह गांधीनगर के बाहरी इलाके में स्थित रायसन में प्रधानमंत्री मोदी के छोटे भाई पंकज मोदी के साथ रहती थीं.


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सबके साथ घुलमिल जाती थीं हीराबेन
हीराबेन के पड़ोसियों के अनुसार, वह सबके साथ घुलमिल जाती थीं और सभी त्योहारों में शामिल होती थीं. उनकी एक पड़ोसी कीर्तिबेन पटेल ने कहा, 'हीरा बा यहां करीब सात साल तक रहीं और हम लोग उनसे लगभग रोज ही मिलते थे. वह बहुत विनम्र और सरल स्वभाव की महिला थीं और मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि मैंने आज अपनी मां को खो दिया. उन्होंने हमेशा हम सबको भरपूर प्यार दिया. वह इस सोसाइटी की राज-माता की तरह थीं.'


एक अन्य निवासी धाराबेन पटेल ने कहा कि हीरा बा परिवार के सदस्य की तरह थीं और उनका यहां सोसाइटी में रहने वाले सभी लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध था. बगल की सोसाइटी के निवासी रमेश प्रजापति ने कहा कि प्रधानमंत्री की मां होने के बावजूद हीरा बा एक आम इंसान की तरह रहती थीं.


'गरीबों के प्रति दयालु होने का आग्रह करती थीं'
उन्होंने कहा, 'वह हमेशा सादगीपूर्ण जीवन में विश्वास करती थीं और सभी के साथ घुलमिल जाती थीं. वह सभी उत्सवों में भाग लेती थीं. हीरा बा निवासियों से गरीबों के प्रति दयालु होने का आग्रह करती थीं.'


सोसायटी के अध्यक्ष हसमुख पटेल ने कहा कि यह सभी निवासियों के लिए गर्व की बात है कि हीरा बा यहां रहती थीं. उन्होंने कहा, 'सिर्फ मैं ही नहीं, पूरी सोसाइटी आज काफी दुखी है. हम सब को इस बात पर गर्व है कि हमें हीरा बा के साथ रहने का अवसर मिला. उन्होंने हमेशा हम सभी को अपना प्यार दिया.'
(इनपुट: भाषा)


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