अनाथ बच्चों को हर महीने 4 हजार देगी सरकार, 101 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने का ऐलान
हिमाचल प्रदेश में लगभग 6,000 अनाथ बच्चों को नए साल के तोहफे के रूप में राज्य सरकार ने रविवार को उनकी उच्च शिक्षा और दैनिक जरूरतों के लिए 101 करोड़ रुपये का कोष ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष’ स्थापित करने की घोषणा की.
नई दिल्लीः हिमाचल प्रदेश में लगभग 6,000 अनाथ बच्चों को नए साल के तोहफे के रूप में राज्य सरकार ने रविवार को उनकी उच्च शिक्षा और दैनिक जरूरतों के लिए 101 करोड़ रुपये का कोष ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष’ स्थापित करने की घोषणा की.
40 कांग्रेस विधायकों ने अपने कोष से दिया धन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की, कांग्रेस के सभी 40 विधायकों ने अपने पहले वेतन से एक-एक लाख रुपये इस कोष में देने का फैसला किया है और कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत उद्योगों से और राशि एकत्र की जाएगी.
बीजेपी विधायकों से भी आगे आने की करेंगे अपील
उन्होंने कहा, ‘हम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों और अन्य विधायकों से भी इस नेक काम के लिए आगे आने का अनुरोध करेंगे.’ सुक्खू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार अनाथालयों में रहने वाले या रिश्तेदारों के साथ रहने वाले बच्चों या जिन्हें गोद लिया गया है और अकेली महिलाओं के बच्चों की शिक्षा एवं दैनिक जरूरतों के लिए धन उपलब्ध कराएगी.
'किसी आय प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं'
उन्होंने कहा कि उन्हें प्रति माह 4,000 रुपये का जेब खर्च प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और अन्य बच्चों की तरह जीवन जी सकें. इस योजना के तहत आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी और केवल एक आवेदन ही काफी होगा.
अकेली महिलाओं के लिए भी दिया जाएगा कोष
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की ओर से सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अकेली महिलाओं के विवाह के लिए कोष भी दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी बाल देखभाल संस्थानों, वृद्धाश्रमों, नारी सेवा सदन, शक्ति सदन और विशेष गृहों में रहने वाले लोगों को 500 रुपये का त्योहार अनुदान भी देगी. सुक्खू ने कहा, ‘ये करुणा नहीं, अधिकार है.’
सीएम ने अपने स्कूल के दिनों का किस्सा किया साझा
उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की कौशल विकास शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों की एक घटना को याद करते हुए सुक्खू ने बताया कि उनका एक दोस्त था जो अनाथ था और वह उसे त्योहारों पर घर ले जाया करते थे.
उन्होंने कहा, ‘एक बार मैं अपने दोस्त को साथ ले गया और उसने मुझसे कहा, ‘तुम मुझे साथ ले जा रहे हो लेकिन जहां मैं रहता हूं वहां मेरे जैसे 40 और हैं. उसी दिन मैंने सोच लिया था कि अगर मैं कभी सत्ता के पद पर पहुंचूंगा तो मुझे अनाथ बच्चों के लिए कुछ करना है.’
(इनपुटः भाषा)
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