नई दिल्ली: लद्दाख में LAC पर चीन से तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है. पिछले 6 महीने से लद्दाख में चीन से मुकाबला करने के लिए सेना के जवान लद्दाख में तैनात हैं. जिन जगहों पर सेना के जवान डटे हुए हैं वहां पर इस वक्त तापमान माइनस में पहुंच चुका है. जैसे-जैसे सर्दी और बढ़ेगी तापमान और गिरता चला जाएगा. जब उत्तर भारत में 5 डिग्री वाली सर्दी पड़ती है तो लद्दाख की पहाड़ियों पर तापमान माइनस 40  डिग्री तक पहुंच जाता है. 


जय हिंद की सेना की माइनस 40 डिग्री वाली तैयारी


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सेना के जवानों को मौसम से बचाने के लिए LAC के पास पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के लिए कैंपों का निर्माण किया गया है. इस नवंबर में चीन पर 'सर्दीकल' स्ट्राइक होने वाली है.


दिल्ली- 11 डिग्री सेल्सियस
लेह- माइनस 8 डिग्री सेल्सियस


दिल्ली में न्यूनतम तापमान अभी डबल डिजिट में हैं, लेकिन लद्दाख के लेह में तापमान अभी से ही माइनस में पहुंच चुका है. सोचिए लद्दाख की माइनस वाली सर्दी में सरहदों की सुरक्षा करने वाले जवान कितने फौलादी होंगे.


इन जवानों को दो दुश्मनों से मुकाबला करना है. पहला दुश्मन है चीन, लेकिन लद्दाख में तैनात जवानों का दूसरा और सबसे बड़ा दुश्मन है मौसम.. लद्दाख में अभी से ही तापमान माइनस में है. अगले एक महीने में यहां का तापमान माइनस 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा. भीषण सर्दी के बीच पूरे इलाके में गला देने वाली बर्फीली हवाएं भी चलती हैं.


चीन के 'धोखेबाज़ चरित्र' के खिलाफ भारत की तैयारी


लद्दाख में चीन से सीमा विवाद को छह महीने से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन सरहद पर अभी तनाव बना हुआ है. सर्दियों का मौका देखकर चीन दोबारा गलवान और पैंगोंग जैसी गुस्ताखी न दोहराए, इसके लिए पूर्वी लद्दाख में 50 हजार सैनिकों की तैनाती की गई है.


जवानों को भयंकर सर्दी से बचाने के लिए भारतीय सेना ने लद्दाख में युद्धस्तर पर तैयारियां की हैं. सैनिकों के लिए इस तरह के शेल्टर बनाए गए हैं. लद्दाख की पहाड़ियों के बीचों-बीच ऐसे दर्जनों शेल्टर तैयार किए गए हैं, जिनमें फौजियों के रहने के पूरे इंतजाम हैं. कुछ जगहों पर शेल्टर के लिए कंटेनर्स का भी इस्तेमाल किया गया है.


लद्दाख में मौसम बर्फीला, जवानों का अडिग हौसला


शेल्टर के अंदर इस तरह से बेड्स लगाए गए हैं, ताकि फौजियों को किसी तरह की दिक्कत न हो. सर्दियों में शेल्टर के अंदर गर्मी बनी रहे इसके लिए हीटर भी लगाए गए हैं. शेल्टर में बिजली और गर्म पानी के भी पूरे इंतज़ाम किए गए हैं.


माइनस वाली भीषण सर्दी में सेना की गाड़ियां बंद न पड़े, इसके लिए बड़े-बड़े गैराज बनाए गए हैं, जहां पर सेना की गाड़ियां और सैन्य हथियारों को रखा जाएगा.


पूर्वी लद्दाख में ये तैयारियां एक दिन या एक महीने की नहीं हैं, बल्कि इसकी तैयारियां जुलाई महीने से ही शुरू कर दी गई थी. ZEE मीडिया ने आपको सितंबर महीने में ही बताया था कि कैसे लद्दाख में तैनात जवानों के लिए सर्दियों में सामानों की सप्लाई शुरू कर दी गई थी. लद्दाख में सेना ने इतनी तैयारियां कर ली हैं ताकि पूरी सर्दियों में राशन, केरोसिन, हीटर, टेंट्स और दवाइयों की कमी न हो.


लद्दाख की बर्फीली सरहद पर तैनात होंगे पैंतीस हज़ार जवान


बेहद ठंडे मौसम में सैनिकों के इस्तेमाल के लिए अमेरिका से खास कपड़ों के 11000 सेट खरीदे गए हैं. हाई ALTITUDE और सुपर हाई ALTITUDE में तैनात सैनिकों के लिए गरम रहने वाले टेंट और लद्दाख में तैनात जवानों के लिए स्मार्ट कैंप तैयार हैं, ताकि बर्फीले मौसम के बीच वीर जवान दुश्मन के सामने चट्टान बनकर डटे रहें.


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