नई दिल्ली: देश में ऐसे बहुत से लोग हुए हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में इतनी महारत हासिल की कि उनका नाम इतिहास के पन्नों में सदा के लिए दर्ज हो गया. भारत में हॉकी के स्वर्णिम युग के साक्षी मेजर ध्यानचंद का नाम भी ऐसे ही लोगों में शुमार है.


PM Modi ने ध्यानचंद को किया याद


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि 'हम सबको पता है आज मेजर ध्यानचंद जी की जन्म जयंती है और हमारा देश उनकी स्मृति में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता भी है, क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद जी की हॉकी ने किया था.'


उन्होंने बोला कि 'शायद इस समय मेजर ध्यानचंद जी की आत्मा जहां भी होगी बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव करती होगी, क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद की हॉकी ने किया था और करीब 4 दशक बाद करीब 41 साल के बाद भारत के नौजवानों ने, बेटे और बेटियों ने हॉकी के अंदर फिर से जान भर दी.'


हॉकी के बिना अधूरी रहती है जीत


कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला.


इसके साथ ही पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए कई अहम मुद्दों संदेश दिया. उन्होंने खेल की दुनिया में भारत के बढ़ते कदम को लेकर हर किसी के भागिदारी की सराहना की. पीएम मोदी ने सीधे शब्दों में ये कहा कि सबके प्रयास से ही देश खेलों में ऊंचाई हासिल करेगा.


हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को जानिए


ध्यानचंद ने अपने खेल से भारत को ओलंपिक खेलों की हॉकी स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता दिलाने के साथ ही परंपरागत एशियाई हॉकी का दबदबा कायम किया. विपक्षी खिलाड़ियों के कब्जे से गेंद छीनकर बिजली की तेजी से दौड़ने वाले ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था.


उनके जन्मदिन को देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जाता है और खेलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है.


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