इसरो की वैज्ञानिक का निधन, नहीं रहीं चंद्रयान-3 को विदा करने वाली मशहूर आवाज
नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वैज्ञानिक एन वलारमथी नहीं रहीं. चेन्नई में शनिवार शाम उनका निधन हो गया. वह चंद्रयान 3 मिशन का हिस्सा थीं. चंद्रयान 3 के काउंटडाउन के पीछे वलारमथी की ही आवाज थीं. वह भारत के पहले स्वदेशी रडार इमेजिंग सेटेलाइट RISAT की प्रोजेक्ट डायरेक्टर थीं.
नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वैज्ञानिक एन वलारमथी नहीं रहीं. चेन्नई में शनिवार शाम उनका निधन हो गया. वह चंद्रयान 3 मिशन का हिस्सा थीं. चंद्रयान 3 के काउंटडाउन के पीछे वलारमथी की ही आवाज थीं. वह भारत के पहले स्वदेशी रडार इमेजिंग सेटेलाइट RISAT की प्रोजेक्ट डायरेक्टर थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक वलारमथी का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ है.
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक ने जताया दुख
उनके निधन पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक वेंकटकृष्ण ने दुख जताया. उन्होंने कहा कि श्रीहरिकोटा से इसरो के आने वाले मिशनों में वलारमथी मैडम की आवाज नहीं सुनाई देगी. चंद्रयान 3 उनका अंतिम काउंटडाउन था. उनकी मौत से गहरा दुख है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वलारमथी ने चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के समय उलटी गिनती की थी. वह तमिलनाडु के अरियालुर की रहने वाली थीं. उन्होंने अंतिम घोषणा 30 जुलाई को की थी.
जुलाई में लॉन्च किया गया था चंद्रयान 3 मिशन
बता दें कि चंद्रयान 3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान 3 बीते 23 अगस्त को चांद पर उतरा था. वहीं चंद्रयान-3 के रोवर 'प्रज्ञान' ने चंद्रमा की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है और अब यह निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में चला गया है. एपीएक्सएस और एलआईबीएस 'पेलोड' बंद हैं. इनसे आंकड़े लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किए जाते हैं.
वर्तमान में रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और उसका सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को चंद्रमा पर अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है.
इसरो ने बताया, 'चंद्रयान का रिसीवर चालू रखा गया है. अपने कार्य के दूसरे चरण के लिए इसके सफलतापूर्वक पुन: जागृत होने की आशा है! अन्यथा, यह हमेशा के लिए भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहीं रहेगा.'
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