आईआईटी गुवाहाटी की बड़ी खोज, सोलर पावर और पानी से बनेगा हाईड्रोजन ईंधन
प्रोफेसर डॉ मोहम्मद कुरैशी और उनकी टीम का यह शोध अमेरिकी जर्नल द अमेरिकी केमेट्री सोसाइटी में प्रकाशित हुआ है.
नई दिल्ली: IIT गुवाहाटी ने सौर ऊर्जा के जरिए पानी से ऊर्जा से भरपूर हाईड्रोजन अलग करने की नई तकनीक विकसित की है. दावा है इससे ऊर्जा का बेहद सस्ता विकल्प तैयार होगा.
आईआईटी गुवाहाटी के रसायन विभाग ने प्रमुख डॉ मोहम्मद कुरैशी के नेतृत्व में यह तकनीक विकसित की गई है. प्रोफेसर डॉ मोहम्मद कुरैशी और उनकी टीम का यह शोध अमेरिकी जर्नल द अमेरिकी केमेट्री सोसाइटी में प्रकाशित हुआ है.
क्या है यह तकनीक, कैसे अलग होता है पानी से हाईड्रोजन
सोलर सेल सामान्य रूप से सूरज की रौशनी को बिजली में बदलती है. वहीं एक दूसरे तरह की सौर ऊर्जा से चलने वाली फोटोइलेक्ट्रोकेमिकल (पीईसी) सेल होती है जो ईंधन के साथ बिजली भी बनाती है.
ये पीईसी सेल सुरक्षित और सामान्य पदार्थ जैसे पानी को हाईड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ देती है. इसमें से हाईड्रोजन का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाता है.
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इस प्रक्रिया के लिए नोबल मेटल्स जैसे प्लेटिनम, इरिडियम और रुथेनियम का उपयोग उत्प्रेरक के रूप में होता है. पर ये सभी धातुएं काफी महंगी होती है. प्रोफेसर कुरैशी और उनकी टीम ने इसी महंगी धातु का विकल्प खोजा है.
इस खोज के जरिए भविष्य में सस्ती सौर ऊर्जा और हाईड्रोजन उत्पन्न किया जा सकेगा.
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
प्रोफेसर डॉ मोहम्मद कुरैशी ने कहा कि पीईसी सेल काफी कारगर तकनीक है. लेकिन यह व्यवहारिक विकल्प नहीं है क्योंकि इसमें महंगी धातुएं इस्तेमाल में आती हैं लेकिन हमने कोबाल्ट, ग्रैफेन और टीन से एक उत्प्रेरक बनाया है जो पानी को आसानी से हाईड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ देगा.
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