देहरादून: चमोली जिले के रैणी गांव में धोलीगंगा नदी में ग्लेशियर (Uttarakhand Glacier Collapse) गिरने से ऋषिगंगा तपावन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का बांध टूट गया है. इस हादसे के बाद हरिद्वार (Haridwar) तक अलर्ट घोषित कर दिया गया है. इस भीषण तबाही की चपेट में कई लोगों के आने की आशंका है. प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी है. इस बीच भारतीय मौसम विभाग ने बड़ी जानकारी साझा की है. 


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8-9 फरवरी को खराब मौसम की आशंका नहीं- IMD 


गौरतलब है कि उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर (Glacier) टूटने से भारी तबाही आ गई है. ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान की आशंका है. राहत और बचाव दल रेस्क्यू में जुटा है. लोगों को चिंता है कि अगर ऐसे में कहीं मौसम खराब हो गया तो और अधिक तबाही मच सकती है.


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बारिश होने की वजह बचाव कर्य बाधित हो सकता है लेकिन इन सभी आशंकाओं पर मौसम विभाग ने रोक लगा दी है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि उत्तराखंड के चमोली, तपोवन और जोशीमठ में 8 और 9 फरवरी को प्रतिकूल मौसम की कोई आशंका नहीं है.


प्रभावित इलाकों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान


मौसम विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने कहा कि इन दोनों दिनों में चमोली, तपोवन और जोशीमठ में शुष्क मौसम रहने का अनुमान है. राज्य के लिए विशेष रूप से जारी किए गए मौसम परामर्श में कहा गया कि 8 और 9 फरवरी को बारिश और बर्फबारी की कोई आशंका नहीं है. प्राप्त समाचार के मुताबिक, चमोली जिले के उत्तरी हिस्से में  10 फरवरी को हल्की बारिश या बर्फबारी का पूर्वानुमान है.


हर मृतक को 4 लाख रुपये देगी उत्तराखंड सरकार



उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना पर CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऐलान किया कि घटना में जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उन सभी को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा राज्य सरकार देगी. 



प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मृतकों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी. पीएम मोदी ने इसकी घोषणा की. साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों को भी 50 हजार रुपये की मदद की जाएगी. 


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