नई दिल्ली: S-400 Missile System: भारत की सैन्य शक्ति बेहद जल्द बढ़ने वाली है. वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने बताया है कि अगले साल तक भारत को S-400 मिसाइल प्रणाली की दो यूनिट्स मिलेंगी. यह वही मिसाइल सिस्टम है जिसके लिए अमेरिका ने कहा था कि इसका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान के खिलाफ हो सकता है. यह सैन्य उपकरण रूस की ओर से भारत को भेजा जाएगा.


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पहले आ चुकीं तीन यूनिट्स
इससे पहले भारतीय सेना को S-400 की तीन यूनिट्स मिल चुकी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने इन मिसाइलों प्रणालियों का इस्तेमाल पाक और चीन की सीमा पर किया है. जून 2022 से ही इनका इस्तेमाल शुरू हो गया था. कहा जाता है कि इस सिस्टम में इतनी ताकत है कि यह दुश्मनों के विमान को राख कर देता है.


क्या खासियत हैं इस मिसाइल सिस्टम में 
इस मिसाइल का पूरा नाम S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है.  दुश्मन के लड़ाकू विमानों को उड़ने से पहले निशाना बना लेता है. आइए, इसकी खासियत जानते हैं


- S-400 में चार रेंज की मिसाइल हैं. इनमें 40, 100, 200, और 400 किमी मिसाइलें शामिल हैं.
- यह सिस्टम 100 से 40 हजार फीट तक उड़ने हर टारगेट को डिटेक्ट कर नष्ट कर सकता है. 
- इसमें 600 किलोमीटर तक की रेंज में 160 टारगेट ट्रैक करने की क्षमता है.
- यह माइनस 50 डिग्री से लेकर माइनस 70 डिग्री के तापमान में भी काम करता है.
- यह सिस्टम मिसाइल, एयरक्राफ्ट और ड्रोन को खत्म करने की क्षमता रखता है


इस तरह बनी S-400 प्रणाली


इसका निर्माण शीतयुद्ध के दौरान अमेरिका ने किया था. इसके बाद 1967 में रूस ने S-200 प्रणाली को विकसित किया. इसे एस सीरीज की पहली मिसाइल माना जाता है. S-400 साल 1990 में विकसित की गई थी. 28 अप्रैल 2007 को रूस ने पहली s-400 मिसाइल सिस्टम को तैनात किया था.


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